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    बिटकॉइन कारोबार पर नकेल कसने की तैयारी, लग सकता है 18% जीएसटी

    December 30, 2020

    नई दिल्ली। बिटकॉइन इन दिनों निवेश की दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चा में है। लगातार बढ़ रहे इसके चलन को देखते हुए सरकार इस पर बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो जल्द ही सरकार बिटकॉइन ट्रेड पर 18 फीसदी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगा सकती है। देश में बिटकॉइन का सालाना कारोबार करीब 40,000 करोड़ रुपये का है। वित्त मंत्रालय के एक विभाग सेंट्रल इकॉनोमिक इंटेलीजेंस ब्यूरो (सीईआईबी) ने बिटकॉइन ट्रेड पर जीएसटी लगाने का प्रस्ताव केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के पास भेजा है।

    सीईआईबी के अनुसार बिटकॉइन पर जीएसटी लगाने से सरकार को सालाना 7,200 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हो सकता है। सीईआईबी वित्त मंत्रालय के थिंक टैंक के तौर पर काम करता है और उसने क्रिप्टोकरेंसी पर जीएसटी लगाने को लेकर एक गहन अध्ययन किया है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने के मुताबिक सीईआईबी ने कहा है कि बिटकॉइन को इंटैजिबल असेट्स की श्रेणी में रखा जा सकता है और इसके सभी ट्रांजेक्शन पर जीएसटी लगाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि फिलहाल, क्रिप्टोकरेंसी के लिए कोई रेगुलेटर नहीं है और इसकी ट्रेडिंग सरकार के लिए एक बड़ा सिरदर्द बना हुआ है।

    मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीईआईबी का सुझाव है कि क्रिप्टोकरेंसी को करेंट असेट के तौर पर देखा जा सकता है और इसकी ट्रेडिंग के दौरान मार्जिन पर जीएसटी लगाया जा सकता है। अभी क्रिप्टोकरेंसी के लिए कोई रेगुलेटर नहीं है। इसकी ट्रेडिंग सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, खासकर सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद, जिसमें आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी में डीलिंग को लेकर बैंक व फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन पर लगाई गई दो साल की रोक को उसने हटा दिया था। क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग का मनीलांड्रिंग में उपयोग होने और इसके कारण वैध मुद्रा की वैल्यू घटने की भी आशंका जताई जाती रही है।

    क्या है बिटकॉइन?
    बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी है। अंग्रेजी शब्द ‘क्रिप्टो’ का अर्थ गुप्त होता है। यह एक प्रक्रार की डिजिटल करेंसी है, जो क्रिप्टोग्राफी के नियमों के आधार पर संचालित और बनाई जाती है। क्रिप्टोग्राफी का अर्थ को कोडिंग की भाषा को सुलझाने की कला है। यह पहली ऐसी मुद्रा है, जो किसी भी केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित नहीं होती। कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान के लिए इसे निर्मित किया गया है। इसका विकास सातोशी नकामोतो नामक एक व्यक्ति ने 2008 मे किया था और 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे जारी किया गया था। सातोशी का यह छद्म नाम है। दुनिया भर में एक करोड़ से अधिक बिटकॉइन्स हैं। यह एक ऐसी करेंसी है, जिसको आप ना तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं। यह केवल इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर होती है। अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है। मौजूदा समय में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर ऊंचे दामों पर बेच कर खूब मुनाफा कमा रहे हैं।

    कैसे कारोबार करता हैं बिटकॉइन?
    बिटकॉइन विशेषज्ञों का मानना है कि बिटकॉइन वर्चुअल कॉइन (कृत्रिम सिक्के) हैं, जो अपनी कीमत बनाने और बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए हैं। यदि आपके पास बिटकॉइन है, तो इसकी कीमत और वैल्यू उसी तरह मानी जाएगी जैसे ईटीएफ में कारोबार करते समय सोने की होती है। आप बिटकॉइन के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं और इसे निवेश के रूप में भी रख सकते हैं। बिटकॉइन एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर किए जा सकते हैं। ये ई-वॉलेट्स आपका निजी डेटाबेस होते हैं, जिसे आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट या किसी ई-क्लाउड पर स्टोर कर सकते हैं। (एजेंसी, हि.स.)

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