मुंबई। सोनू सूद (Sonu Sood) को कोरोना लॉकडाउन के समय प्रवासी मजदूरों और जरूरतमंदों की मदद करने वाले मसीहा का नाम दिया गया है। सोनू शुरू से ही इस पर ऐतराज कर रहे हैं और अब उन्होंने एक किताब लिखकर मानो इस बात को दोहराया है कि वह मसीहा नहीं हैं। सोनू ने अपने और प्रवासी मजदूरों के लॉकडाउन संघर्ष पर एक किताब लिखी है, जिसका टाइटल है- ‘आई एम नो मसीहा।’
सोनू सूद के कारण एक्टर अमित साध (Amit Sadh) को फिल्मों में अपना करियर बनाने का मौका मिला था। इसका खुलासा खुद अमित साध ने किया है। अमित साध ने इस बारे में अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है। अमित साध ने लिखा- “यह बात काफी लोग नहीं जानते हैं कि मुझे मेरा पहला ब्रेक सोनू भाई के जरिए मिला था। आज मैं जहां हूं, उसकी वजह वो हैं। यह अच्छाई जो वह अब कर रहे हैं, लोग जिस बारे में बात कर रहे हैं, वह ऐसी चीज नहीं है जो सिर्फ अभी सक्रिय हुई है। मुझे लगता है कि वह कई सालों से ऐसा कर रहे हैं।”
अमित साध के इस ट्वीट पर जवाब देते हुए सोनू सूद ने लिखा- “भाई आप राज करने के लिए पैदा हुए हैं। आपने अपनी किस्मत खुद लिखी है। मैं आपकी अद्भुत यात्रा में एक उत्प्रेरक बनने के लिए बस भाग्यशाली था। मुझे आप पर गर्व है मेरे भाई। अपने कैप में पंखों को जोड़ते रहें।”
इसके बाद अमित साध ने सोनू सूद का शुक्रिया करते हुए लिखा- “सोनू भाई, आपके शब्दों के लिए शुक्रिया। यह मेरे लिए बहुत मायने रखते हैं। मैं आपको गर्व कराने के लिए और मेहनत करूंगा और सही दिशा और प्रेरणा देने के लिए आपका शुक्रिया। आशा है हम जल्द ही मिलेंगे। ढेर सारा प्यार।”
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