कोरोना काल व वायुप्रदूषण से भरे इस वातावरण में स्वस्थ्य रहना एक कटिन चुनौती के समान हो गया है । सर्दियों में ड्राय फ्रूट्स खाने की सलाह हर डॉक्टर देतें हैं । माना जाता है कि इस मौसम में सूखे मेवे खाने से कई बीमारियों का खतरा कम होता है। मधुमेह हो या हृदय रोग, कई गंभीर बीमारियों से बचाने में नट्स मददगार होते हैं।
बच्चों से लेकर बड़ों तक को काजू पसंद होता है। इसे लोग साबुत खाते हैं, बर्फी या फिर सब्जी बनाकर खाना भी पसंद करते हैं। काजू में पोटैशियम, विटामिन-सी और फाइबर जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो सम्पूर्ण सेहत के लिए जरूरी है। आज की अनहेल्दी लाइफस्टाइल व सेहत के प्रति लापरवाह रवैया लोगों के हेल्थ को प्रभावित करता है। ऐसे में आइए जानते हैं काजू खाने के फायदे –
काबू में रहता है ब्लड शुगर:
काजू में कैलोरी की मात्रा बेहद कम होती है, इससे लोगों के वजन पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है। साथ ही, इस ड्राय फ्रूट में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। ज्यादा फाइबर होने के कारण ये खाने को जल्दी नहीं पचने देता। इससे रक्त में अचानक ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा कम होता है। बॉडी में ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल करके ये डायबिटीज का खतरा कम करता है।
हाइपरटेंशन पर रहता है कंट्रोल:
हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को भी डॉक्टर्स अपनी डाइट में काजू को शामिल करने की सलाह दी जाती है। काजू में पोटैशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। बता दें कि पोटैशियम उन जरूरी पोषक तत्वों में से एक है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
तनाव होता है कम:
अवसाद या तनाव से पीड़ित लोगों के लिए भी काजू का सेवन फायदेमंद होता है। माना जाता है कि चिंता, तनाव, बेचैनी और अवसाद को दूर रखने में काजू कारगर है। बता दें कि स्ट्रेस कई बीमारियों के शुरुआती कारणों में से एक होता है।
दिल रहता है तंदरुस्त:
काजू में पोटैशियम, विटामिन-सी और फाइबर जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये सभी तत्व दिल को तंदरुस्त बनाए रखने में मददगार हैं।
दूर होगी नींद की कमी:
सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है कि लोग 7 से 8 घंटे की नींद लें। मगर आज के समय में कई बार व्यस्तता के कारण तो कभी चिंता करने से नींद प्रभावित होती है। ऐसे में डॉक्टर्स उन लोगों को काजू खाने की सलाह देते हैं जो इन्सोम्निया यानी नींद की कमी से पीड़ित हैं।
नोट – उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें । कोई भी बीमारी या परेंशानी होने की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
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