भोपाल। कोरोना टीकाकरण करवाने पर सरकार डिजिटल सर्टिफिकेट देगी। पहली खुराक लगवाने के बाद पंजीकृत मोबाइल पर टीका लगने का एसएमएस भेजा जाएगा। 28 दिन बाद दूसरी खुराक लगने पर सर्टिफिकेट के तौर क्यूआर कोड मोबाइल पर भेजा जाएगा। इस कोड को स्कैन करने पर उसमें पूरी जानकारी रहेगी। इसमें मरीज का नाम, उम्र, बूथ की जानकारी, पहला और दूसरा टीका कब लगा, यह सब बताया जाएगा। टीका लगवाने वाला इसे डिजिटिल प्रमाण पत्र के तौर पर उपयोग कर सकेगा। मप्र समेत देशभर में यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी। हितग्राहियों की जानकारी ऑनलाइन भरने के लिए कोविन एप बनाया गया है। टीकाकरण के दौरान मरीज की पूरी जानकारी इस एप पर भरी जाएगी। राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला ने बताया कि टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके बाद भी टीकाकरण केंद्र में किसी को कोई समस्या होती है तो इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम फौरन पहुंचेगी। हर पांच बूथ को मिलाकर एक सेक्टर बनाया जाएगा। हर सेक्टर के लिए एक सेक्टर मेडिकल ऑफिसर तैनात किया जाएगा। वह अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के साथ हर बूथ पर बारी-बारी से जाकर टीका लगवाने वाले लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे। हर बूथ के कर्मचारियों को कहा गया है कि वह सेक्टर मेडिकल ऑफिसर का नंबर मोबाइल पर फास्ट डायलिंग मोड पर पहले नंबर पर रखें।
31 तक पूरा हो जाएगा प्रशिक्षण
डॉ. शुक्ला ने बताया कि 31 दिसंबर तक टीकाकरण से जुड़े सभी अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण पूरा हो जाएगा। ब्?लॉक स्तर के अफसरों तक प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। 31 के पहले एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग हो जाएगी। प्रशिक्षण में उन्हें टीकाकरण की गाइडलाइन की बारे में बताया जा रहा है। टीका लगाने की जिम्मेदारी एएनएम की रहेगी। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उसकी मदद करेंगी।
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