50 फीसदी तो हो चुकी है बंद… शेष नए साल से खुलेगी… अग्निबाण की खबर से मिली बड़ी राहत
इंदौर। कोरोना संक्रमण के चलते मार्च के अंतिम सप्ताह से ही स्कूल-कॉलेजों के साथ-साथ कोचिंग संस्थाएं भी बंद हो गई थीं, जिन्हें अब शासन-प्रशासन के आदेशों के बाद खोलने की तैयारी की जा रही है। इंदौर में निगम के गुमाश्ता लाइसेंस के मुताबिक साढ़े 5 हजार छोटी-बड़ी कोचिंग संस्थाएं हैं, जिनमें से आधी तो बंद हो चुकी हैं और शेष में से भी कुछ संस्थाएं ही अभी खुलेंगी, जिसके लिए इंदौैर कोचिंग ऑनर्स एसोसिएशन ने कोरोना गाइडलाइन भी तैयार की है। एसोसिएशन का कहना है कि पहले 7 से 8 लाख विद्यार्थी कोचिंग क्लासेस में पढ़ते थे, मगर अब 50 हजार भी शुरुआत में आ जाएं तो बड़ी बात है।
इंदौर स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा का भी सबसे बड़ा गढ़ बीते कुछ वर्षों में बन गया, जिसके चलते बाहर से बड़ी संख्या में विद्यार्थी पढऩे के लिए इंदौर आने लगे, जिसके कारण कोचिंग संस्थानों से लेकर होस्टल, रेस्टोरेंट का व्यवसाय तेजी से फला-फूला। लेकिन कोरोना के चलते इससे जुड़े सभी व्यवसाय चौपट हो गए, जिनमें होस्टल और कोचिंग संस्थानों को बड़ी वित्तीय हानि उठाना पड़ी। कल अग्निबाण ने कोचिंग संस्थानों को अनुमति देने का समाचार प्रकाशित किया। उसके बाद इंदौर कोचिंग ऑनर्स एसोसिएशन ने तैयारियां शुरू कर दीं। उसके अध्यक्ष ठाकुर रवि दांगी ने बताया कि अग्निबाण की खबर का यह असर हुआ कि कोचिंग संस्थानों के संचालक अपनी-अपनी संस्थाओं को खोलने की तैयारी में जुट गए और विद्यार्थियों से भी सम्पर्क किया जा रहा है। सभी के कॉन्टेक्ट नम्बर संस्थाओं के पास हैं, लिहाजा अग्निबाण की खबर ही व्हाट्सऐप के जरिए उन्हें भेज दी गई। शासन-प्रशासन के निर्देशों का पूरी तरह से पालन कोचिंग संस्थाओं को खोलने में किया जाएगा।
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