हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने गुरुवार को कहा कि केंद्र के नए कृषि कानूनों में कई संशोधनों की जरूरत है। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे किसानों से ठोस सुझाव देने का अनुरोध किया। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता ने दोहराया कि जिस दिन उन्हें लगेगा कि वह हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने में अक्षम हैं, उस दिन पद से इस्तीफा दे देंगे।
चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता में दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मेरा मानना है कि (कानूनों में) कई संशोधन होने चाहिए। इस पर, हमने केंद्र सरकार को पहले कई सुझाव दिए हैं और वे भी कई सुझावों पर सहमत थे। उन्होंने कहा कि मेरे ख्याल से केंद्र सरकार उन संशोधनों को शामिल करने के लिए तैयार है। चौटाला ने कहा कि केंद्र सरकार बार-बार किसान संघों को बातचीत के लिए आमंत्रित कर रही है और अपनी मांग के संबंध में ठोस सुझाव देने की जिम्मेदारी इन संघों की है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रदर्शनकारी किसान तीन कृषि कानूनों पर अपनी चिंताओं के समाधान के लिए केंद्र सरकार के साथ वार्ता बहाल करेंगे। चौटाला ने कहा कि जब केंद्र सरकार बातचीत के लिए तैयार है तो पहले छह दौर की वार्ता कर चुके किसान संघों को आगे आना चाहिए। कोई भी आंदोलन बिना बातचीत किए कभी खत्म नहीं हुआ है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मेरे ख्याल से आढ़तियों की भी सबसे बड़ी मांग यही है कि खुले बाजार और मंडियों में कर सममूल्य पर होना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो हमारे विपणन बोर्ड और मंडियां समृद्ध होंगी। अगर केंद्र सरकार एमएसपी पर लिखित आश्वासन देने को तैयार है तो, मेरे विचार में किसानों की सबसे बड़ी मांग पूरी होती है। विपक्ष और किसानों के एक वर्ग द्वारा मनोहर लाल खट्टर सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए जेजेपी से किए जा रहे अनुरोध के संबंध में किए गए सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कोई दबाव नहीं है। हम बहुत ही स्थिर तरीके से सरकार चला रहे हैं।
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