अगरतला। पड़ोसी देश बांग्लादेश के सुरक्षा बलों की मदद से त्रिपुरा से अगवा हुए तीन निर्माण मजदूरों के वापस लौटाने में सफलता मिली है। इससे दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध और मजबूत हुए हैं।
बताया जा रहा है कि बुधवार रात तीनों मजदूरों को उग्रवादियों के चंगुल से मुक्त कराने के बाद त्रिपुरा के ढलाई जिला के गंडाचारा पुलिस थाने के अंतर्गत डीपीपारा बीएसएफ चौकी को बांग्लादेशी सुरक्षा बलों ने सौंप दिया। त्रिपुरा पुलिस ने कहा कि अपहरण के बाद से त्रिपुरा पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा तलाशी अभियान के चलते काफी दबाव बनाया गया था। यही नहीं बांग्लादेश के सुरक्षा बलों के जोरदार तलाशी अभियान के कारण अगवा किए गए तीनों निर्माण मजदूरों को वापस लाने में मदद मिली है।
ज्ञात हो कि गत 07 दिसम्बर को उग्रवादी समूह एनएलएफटी ने एनपीसीसी साइट के पर्यवेक्षक सुभाष भौमिक, जेसीबी चालक सुबल देबनाथ और मजदूर सरदार गणपति त्रिपुरा का अपहरण कर लिया था। अगवा होने से पहले धलाई जिला के गंगानगर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत मालदा कुमार रॉयजापारा और हरिअमुनि पारा स्थित तालाब से पीने का पानी लेकर तीनों जा रहे थे। भारत-बांग्लादेश सीमा पर कांटेदार तार की बाड़ का निर्माण चल रहा है। तीनों पानी लेने के लिए गये थे। जब काफी देर तक वे नहीं लौटे तो अन्य मजदूर परेशान हो गए। जब काफी देर तक तीनों का पता नहीं चला तो बीएसएफ अधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराया गया। उसके बाद उनकी तलाश शुरू हुई थी।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार श्रमिकों को हथियारों से लैस सात एनएलएफटी उग्रवादियों द्वारा अपहरण किया गया था। पांच उग्रवादी पहाड़ी की चोटी से नीचे आए और बंदूक की नोंक पर मजदूरों का अपहरण कर लिया। अपहरण के सिलसिले में पुलिस ने उग्रवादियों सहयोगी पठान मोहन त्रिपुरा, जतिंद्र त्रिपुरा और वैजय त्रिपुरा को गंगानगर पुलिस ने हिरासत में लिया था। पुलिसिया पूछताछ में उनके बयानों में विसंगतियां पाए जाने के बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया।
फिर भी तीनों श्रमिकों का पता लगाना संभव नहीं हो रहा था। बुधवार को 16वें दिन तीनों श्रमिक वापस अपने घर लौट आए। वे शाम तकरीबन 06.30 बजे गंडाचारा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत डीपी पारा बीएसएफ की चौकी पर पहुंचे। पुलिस के मुताबिक त्रिपुरा पुलिस और सुरक्षा बलों का इस मामले में बहुत दबाव था। यहां तक कि उग्रवादियों के सहयोगी भी पुलिस ऑपरेशन के चलते बेहद घबड़ाए हुए थे। इसके अलावा बांग्लादेश के सुरक्षा बलों की सघन तलाशी अभियान ने तीनों अगवा किए गए निर्माण मजदूरों को वापस लाने में मदद की।
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश सरकार ने पहले भी त्रिपुरा में उग्रवाद को ख़त्म करने में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने देश में सभी उग्रवादी गुप्त ठिकानों को ध्वस्त कर दिया जो त्रिपुरा में उग्रवाद के लिए सहायक थे। उग्रवाद पर उनके लगातार कठोर कदम ने उग्रवादियों को सामान्य जीवन में लौटने के लिए मजबूर कर दिया। एक बार फिर बांग्लादेश ने त्रिपुरा में उग्रवाद की दहशत को ख़त्म करने के लिए एक सच्चा मददगार के रूप में हाथ बढ़ाया है। एजेंसी
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