भोपाल। पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के अतिरिक्त महानिदेशक डीसी सागर ने कहा है कि आधुनिक उपकरणों की उपयोगिता तभी है, जब हमारी टीम उसकी प्रॉपर तरीके से मॉनीटरिंग करना सुनिश्चित करें। मॉनीटरिंग के अभाव में दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये ये उपकरण नाकाफी साबित होंगे। सागर ने पुलिस मुख्यालय में सड़क सुरक्षा के लिये आधुनिक उपकरणों के लिये ऑनलाइन वर्चुअल कोर्स में 17 दिसम्बर को इंदौर के पलासिया में हुई दुर्घटना को उद्घृत करते हुए यह बात कही। एडीजीने कहा कि सीसीटीव्ही का उपयोग पुलिस विभाग द्वारा किया जा रहा है। यह बहुत उपयोगी भी है। ये और अधिक उपयोगी हो सकते हैं, जब इनकी मॉनीटरिंग भी नियमित और प्रॉपर तरीके से हो। उन्होंने कहा कि इंदौर के पलासिया में हुई दुर्घटना सीसी टीव्ही में कैद हुई। दो व्यक्ति आपस में लगभग 3 मिनट से अधिक समय तक लड़ते रहे। दोनों को किसी भी व्यक्ति ने रोकने का प्रयास नहीं किया। अंतत: एक व्यक्ति की जान चली गई। यदि सही तरीके से सीसीटीव्ही की मॉनीटरिंग की जाकर उस पर एक्शन लिया गया होता या कि जन-सामान्य में जागरूकता होती, तो एक व्यक्ति की अमूल्य जान को बचाया जा सकता था। साथ ही भविष्य में मृतक के परिवार को होने वाली प्रताडऩा और परेशानियों से भी बचाया जा सकता था। उन्होंने कोर्स में ऑनलाइन सम्मिलित हुए प्रदेश के समस्त यातायात प्रभारियों और नोडल एजेंसियों से अपेक्षा की कि वे सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये न केवल अपनी जिम्मेदारियों का भली-भांति निर्वहन करना सुनिश्चित करें, अपितु जन-सामान्य को भी जागृत कर दूसरे की फटी में टांग न डालना की मानसिकता से उबारने का प्रयास करें, जिससे कि असमय प्राण गंवाने वाली जिंदगियों को बचाया जा सके। ऑनलाइन कोर्स में सीसीटीव्ही, ब्रिथ एनेलाइजर, अल्को मीटर, लेजर स्पीड राडार गन, स्पीड इन्टरसेप्टर आदि के बेहतर उपयोग के बारे में बताया गया। एडीजी सागर ने यातायात के आधुनिक उपकरणों का लोगों की जिंदगियों को बचाने के लिये बेहतर उपयोग करने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि नियमों के विरुद्ध कार्य करने वालों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट-1985 संशोधित 2020 में कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। सागर ने नोडल एजेंसियों से सड़क दुर्घटनाओं का क्रेश इन्वेस्टिगेशन करने और भविष्य में दुर्घटनाओं को रोकने के लिये ऐहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिये।
शराब पीकर वाहन न चलाने के लिये मुहिम चलायें
एडीजी सागर ने निर्देश दिये कि जिलों में शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आमजन को जागरूक करने की आवश्यकता है कि शराब पीने से मानसिक, शारीरिक और आर्थिक खामियाजा उठाना पड़ता है। साथ ही सामाजिक तौर पर भी शराब पीने वालों को प्रताडि़त होना पड़ता है। शराब पीकर वाहन चलाने वाले यातायात में न केवल बाधा उत्पन्न करते हैं, बल्कि दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं। कई मर्तबा शराबी वाहन चालक स्वयं काल के गाल में समा जाते हैं, क्योंकि शराब हमारे नर्वस सिस्टम को शिथिल कर देती है, जिससे वाहन नियंत्रण से बाहर हो जाता है। श्री सागर ने अपेक्षा की कि सभी बेहतर प्रचार-प्रसार पर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे।
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