दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाइवे से जुड़ेगा देवास, उज्जैन और गरोठ का नया फोरलेन भी
इंदौर। राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे की कोरोना काल के दौरान सुस्त पड़ी रफ्तार को अब गति दी है। वहीं इंदौर-खलघाट, जो अभी फोरलेन है और यहां आए दिन भीषण वाहन दुर्घटनाएं होती है, जिसके चलते अब इसे सिक्स लेन में परिवर्तित किया जा रहा है। इस पर लगभग 900 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। इंदौर से खलघाट के 90 किलोमीटर के हिस्से को सिक्स लेन में परिवर्तित करने का काम से शुरू हो जाएगा। वहीं दिल्ली एनसीआर के गुरुग्राम से मुंबई तक बन रहे इस एक्सप्रेस हाईवे को सिग्नल और टोल प्लाजा फ्री भी रखा जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे का लगभग 300 किलोमीटर का हिस्सा मध्यप्रदेश के उत्तर-पश्चिमी के हिस्से यानी उज्जैन, नागदा, रतलाम, झाबुआ से गुजरेगा। 1 लाख करोड़ रुपए इस पूरे एक्सप्रेस-वे हाईवे की लागत आना है।
केन्द्र सरकार का यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट बीते कुछ वर्षों में धीमी गति से चल रहा था, मगर अब केन्द्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसे फिर रफ्तार दी है और पिछले दिनों वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए भी उन्होंने इंदौर सहित मध्यप्रदेश को मिलने वाले फायदे की जानकारी भी दी। 1 लाख करोड़ रुपए का यह प्रोजेक्ट 3 साल में पूरा कर लिया जाएगा। इस एक्सप्रेस हाईवे से चम्बल हाईवे को भी जोड़ा जाएगा, जिसके चलते मेवात, अलवर, कोटा, उज्जैन, घटिया, रतलाम, झाबुआ, गोदरा, बड़ोदरा, सूरत होते हुए मुंबई पहुंचना आसान रहेगा। वहीं अभी दिल्ली से मुंबई की सडक़ मार्ग की दूरी जो कि 1450 किलोमीटर है, वह घटकर 1250 किलोमीटर ही रह जाएगी और उज्जैन, नागदा, रतलाम के बीच के खंड में बदलाव कर इंदौर के समीप लाने की भी कवायद चल रही है, क्योंकि यह मार्ग कोटा से रतलाम, झाबुआ से होता हुआ गुजरात के गोदरा के पास से निकलेगा। एक्सप्रेस-वे बनने से गुरुग्राम से मुंबई का सिर्फ 12 घंटे में पूरा होगा, जबकि अभी 24 घंटे से ज्यादा लगते हैं। इसके साथ ही इंदौर-खलघाट को सिक्स लेन किया जाना है, क्योंकि यहां के गणेश घाट पर हर साल भीषण सडक़ दुर्घटनाएं होती है और कुछ ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर उन्हें ठीक किया जाएगा। सिक्स लेन का काम अगले साल से शुरू हो जाएगा। वहीं बड़वानी से बड़ोदर, रतलाम, बदनावर और आष्टा से कन्नौद रोड का चौड़ीकरण भी जल्द शुरू होना है। इंदौर-बैतुल रोड पर क्षिप्रा नदी का नया पुल भी अगले साल तक तैयार हो जाएगा। प्रदेश में लगभग साढ़े 11 हजार करोड़ के कुल सडक़ परियोजनाओं के काम राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय करवा रहा है।
120 कि.मी. की रफ्तार से 6 घंटे में पहुंचेंगे मुंबई
अभी हालांकि इंदौर-मुंबई फोरलेन बनने से आवागमन आसान हो गया है। वहीं इंदौर-खलघाट सिक्स लेन होने से यातायात सुगम तो होगा, वहीं 120 किलोमीटर की रफ्तार से मुंबई जाना भी आसान रहेगा, जिससे 6 घंटे में ही पहुंचा जा सकेगा। अभी 8 से 10 घंटे लगते हैं। वर्तमान इंदौर-मुंबई सडक़ मार्ग की दूरी 600 किलोमीटर है। वहीं एक्सप्रेस हाईवे बनने से इंदौर से जो कनेक्ट्ीविटी अगर होगी, तो उससे मुंबई की दूरी हालांकि 750 किलोमीटर हो जाएगी, लेकिन समय की बचत होगी, क्योंकि सिग्नल और टोल रहित पूरा रोड मिलेगा, जिस पर 120 किलोमीटर की प्रति रफ्तार में गाड़ी चलाई जा सकेगी, जिस तरह अभी मुंबई-पुणे एक्सप्रेस हाईवे है, उसी तरह फिर इंदौर से मुंबई मात्र 6 घंटे में आसानी से पहुंचा जा सकेगा। इस मार्ग के बनने से इंदौर से सूरत और बड़ोदरा का सफर और आसान हो जाएगा।
इंदौर-इच्छापुर रोड का भी नया अलाइन्मेंट
इंदौर से सनावद, बोरगांव, बुरहानपुर होते हुए अकोला तक नए नेशनल हाईवे का निर्माण भी किया जा रहा है, जिस पर लगभग 7 हजार करोड़ रुपए की राशि केन्द्रीय सडक़ मंत्रालय कर रहा है। वर्तमान में यह रोड इंदौर-इच्छापुर कहलाता है, जिसे अब नए अलाइन्मेंट के साथ बनाया जाएगा। 136 किलोमीटर लम्बे इंदौर, सनावद, बोरगांव रोड को फोरलेन करेंगे, जिस पर लगभग 3 हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी और अगले साल मार्च तक इसका ठेका भी दे दिया जाएगा। वहीं 174 किलोमीटर लम्बे बोरगांव, बुरहानपुर, अकोला रोड को भी फोरलेन करने पर भी 3800 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके साथ-साथ उज्जैन-झालावाड़ रोड भी फोरलेन में तब्दील किया जाएगा।
सिहांसा और देपालपुर में लॉजिस्टिक हब
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे पर मध्यप्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च हो रही है, क्योंकि इसका 44 किलोमीटर का लम्बा हिस्सा प्रदेश से गुजरेगा। गरोठ, जावरा, रतलाम और झाबुआ से गुजरने के चलते इंदौर के आसपास लॉजिस्टिक हब के लिए भी जमीन तलाशी जा रही है। सिहांसा और देपालपुर के बीच लॉजिस्टिक हब बनाया जाएगा, ताकि बाहरी वाहन शहर में ना आएं और एक्सप्रेस हाईवे से यह हब जुड़ा हुआ ही रहे। हालांकि ताई सहित अन्य नेताओं ने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे से इंदौर को जोडऩे का अनुरोध भी किया था, जिसके चलते ही देवास से गरोठ तक एक नया रोड मंजूर किया गया है।
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