रामेश्वर धाकड़
भोपाल। राजधानी के कोलार क्षेत्र में बिल्डरों द्वारा कलियासोत नदी के किनारे बसाई गईं कालॉनियों को रास्ता दिलाने के लिए सबसे बड़े हरियाली एवं ईको केंद्र बाल्मी (मप्र जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान)को उजाडऩे की तैयारी हो रही है। इन कालोनियों के लिए अलग से सीपीए पुल बना चुका है। जिसे बाल्मी से निकाला जाएगा। अब पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया बाल्मी की हरियाली को नष्ट करके बिल्डरों की कॉलोनियों को रास्ता देने के लिए तैयार हो गए हैं। जबकि अभी तक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के चार अपर मुख्य सचिव एवं एक मंत्री कमलेश्वर पटेल एप्रोच देने से साफ इंकार कर चुके हैं। लेकिन क्षेत्रीय विधायक एवं विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा इसकी कोशिश कर रहे हैं। प्रोटेम स्पीकर शर्मा ने शनिवार को सीपीए द्वारा कलियासोत नदी के किनारे बसाई गईं कालोनी अमरनाथ, सांईनाथ, पैलेस आर्चर्ड, दामखेड़ा ए सेक्टर, सर्वधर्म ए सेक्टर सहित अन्य कोलोनियों के लिए सीपीए द्वारा बनाए गए पुल के लिए एप्रोच रोड़ को मंजूरी देने के लिए विभागीय मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया के साथ दौरा किया। सूत्रों ने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री सिसौदिया भी एप्रोच रोड़ को बाल्मी से निकालने के पक्ष में नहीं है, लेकिन भोपाल में उनके एक रिश्तेदार ने मंत्री को इसके लिए राजी कर लिया है। रिश्तेदार बिल्डरों के काफी करीबी हैं। उनकी कांग्रेस में अच्छी-खासी पकड़ है। इस पूरे मामले में रिश्तेदार की ही भूमिका अहम मानी जा रही है। हालांकि यह मामला अभी शासन स्तर पर नहीं पहुंचा है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि यदि पूर्व अपर मुख्य सचिव एवं मंत्री की आपत्ति को दरकिनार करके बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए एप्रोच रोड को मंजूरी दी जाती है तो मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच सकता है।
इन कॉलोनियों को होगा फायदा
एप्रोच मार्ग को बाल्मी से निकालने की मंजूरी मिलने के बाद कोलार क्षेत्र की अमरनाथ, सांईनाथ, पैलेस आर्चर्ड, दामखेड़ा ए सेक्टर, सर्वधर्म ए सेक्टर सहित अन्य कोलोनियों को फायदा होगा। इन कॉलोनियों के रहवासी मुख्यमार्ग से कोलार नहर चौराहे से न होते हुए सीधे इस पुल से सीधे नेहरू नगर, कोटरा सुल्तानाबाद, नीलबड़ व रातीबढ़ तक आवाजाही कर सकेंगे। हालांकि इन कॉलोनियों से नेहरू नगर के लिए अलग से सड़क है। बाल्मी से एप्रोच रोड को मंजूरी मिलने के बाद नहेरू नगर पहुंचने में 2 से 3 मिनट का अंतर आएगा। खास बात यह है कि बिल्डरों की कालॉनियां विकसित होने से पहले ही राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए)18 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार कर 5 करोड़ की लागत से पुल तैयार कर चुका है, लेकिन पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय से अनुमति नहीं मिलने की वजह से एप्रोच रोड नहीं निकल पाई है।
इन अफसरों ने नहीं दी थी मंजूरी
बिल्डरों की कॉलोनियों के लिए बाल्मी से होकर एप्रोच रोड देने से विभाग की पूर्व अपर मुख्य सचिव अरुणा शर्मा, राधेश्याम जुलानिया, इकबाल सिंह बैंस (मौजूदा मुख्य सचिव)साफ इंकार कर चुके हैं। वर्तमान एसीएस मनोज श्रीवास्तव भी इसके पक्ष में नहीं हैं। हालांकि पिछले साल नौकरी छोडऩे सेपहले विभाग की एसीएस गौरी सिंह ने सड़क निकालने की मंजूरी दे दी थी। जिसे पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने तत्काल निरस्त कर दिया था। अब फिर से बिल्डरों की कॉलोनियों के लिए रास्ता खुलवाने कई नेता सक्रिय हो गए हैं। इसमें पंचायत मंत्री के कांग्रेस पृष्ठभूमि के निश्तेदार की अहम भूमिका बताई जा रही है।
बिल्डरों को करोड़ों का फायदा
बाल्मी से एप्रोच रोड निकलने के बाद बिल्डरों को काफी फायदा होगा। एक दर्जन से ज्यादा कॉलोनियों में बिल्डरों के जो कमान नहीं बिक रहे हैं, उनकी कीमत 20 से 30 फीसदी तक बढ़ जाएगी। इन कॉलोनियों में शहर के कई रसूखदारों के प्लॉट एवं मकान है। क्षेत्रीय विधायक रामेश्वर शर्मा पिछले पांच साल से से एप्रोच रोड बाल्मी से खुलवाने का प्रयास कर रहे हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved