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    कृषि कानूनों के खिलाफ 26 दिसम्बर को 2 लाख किसानों के साथ करेंगे दिल्ली कूच : बेनीवाल

  • December 19, 2020

    जयपुर । राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने शनिवार को कृषि कानूनों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया। बेनीवाल ने शनिवार को लोकसभा की उद्योग समिति, पेट्रोलियम समिति व याचिका समिति से इस्तीफा दे दिया। साथ ही, केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ 26 दिसम्बर को 2 लाख लोगों के साथ दिल्ली कूच करने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा है कि 26 दिसम्बर को दिल्ली कूच करने के बाद तय किया जाएगा कि हमें एनडीए गठबंधन में रहना है या उनसे संबंध तोडऩे हैं।

    सांसद बेनीवाल ने कृषि बिलों पर चर्चा करने के लिए राजधानी जयपुर स्थित सरकारी आवास पर शनिवार को रालोपा की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में किसान आंदोलन के समर्थन तथा केन्द्रीय कृषि बिलों के खिलाफ आगामी रूख पर चर्चा की गई। इसके बाद बेनीवाल ने कहा कि हम किसान आंदोलन का हम सर्मथन कर रहे है। तीनों बिल किसान विरोधी हैं। हमने केंद्र में पीएम मोदी और अमित शाह को चिट्ठी भी लिखी थी और कहा था कि अगर तीनों बिल वापस नहीं लिए गए तो हम गठबंधन तोड़ देंगे। हमने पहले आंदोलन किया तब 7 दिन का टाइम दिया था।

    उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर को हम 2 लाख किसानों के साथ शाहजहांपुर बॉर्डर होते हुए दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। दिल्ली की सरकार समझ ले कि आरएलपी किसानों के साथ है। दिल्ली आंदोलन के बाद राजस्थान में भी आंदोलन करेंगे। राज्य की गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है। राज्य में किसानों की कर्ज माफी नहीं हुई, साधुओं को जलाया जा रहा है, ऐसा लग रहा है जैसे राजस्थान में वसुंधरा और गहलोत का मिला-जुला खेल चल रहा है।

    बेनीवाल ने दोहराया कि 26 दिसम्बर को दिल्ली कूच करने के बाद हम एनडीए से अलग होने का ऐलान करेंगे। तीनों समितियों से इस्तीफा देने का मतलब साफ है कि हम एनडीए में अब ज्यादा साथ नहीं दे सकते। बेनीवाल ने यह भी कहा कि जिस दिन तीनों बिल लोकसभा में पेश हुए, उस दिन वे संसद से बाहर थे, अन्यथा वहीं पर बिल की कॉपी फाड़ देते। इन बिलों के बाद हम एनडीए को समर्थन नहीं कर रहे है, हम इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों की संख्या कम होने के कारण वे दिल्ली नहीं पहुंच पा रहे हैं, लेकिन जब हम दो लाख किसानों को लेकर जाएंगे, तब उन्हें कोई नही रोक सकेगा। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पूरी लागू हो, तीनों कृषि बिल वापस हो, यही हमारी प्रमुख मांग है।

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