उदयपुर। भारतीय इतिहास के स्वरूप से जिस प्रकार से छेड़छाड़ की गई है, उसे सही करना एक बहुत श्रम और जिम्मेदारी का काम है। इस काम में इतिहास संकलन समिति लम्बे समय से समर्पित है। अब जबकि सरकार शिक्षा नीति को बदलने जा रही है और नई शिक्षा नीति का प्रारूप तय हो चुका है। शिक्षण में गहरे तक पैठ किए हुए इतिहास के नकारात्मक और असत्य पहलुओं की जांच कर उन्हें पुस्तकों से हटवाने का उत्तरदायित्व समाज का है। यह बात भारतीय इतिहास संकलन समिति, चित्तौड़ प्रांत, उदयपुर के क्षेत्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन में इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय महासचिव बालमुकंद पाण्डे ने कही। इस सम्मेलन में वर्ष 2020-2023 की प्रांतीय कार्यकारिणी की घोषणा की गई।
कार्यकारिणी में संरक्षक के रूप में डाॅ. देव कोठारी, वैद्य लक्ष्मीनारायण (चित्तौड़), अध्यक्ष पद पर डाॅ. एम. एल. साहू (कोटा), उपाध्यक्ष पद पर डाॅ. एन.के. उपाध्याय (अजमेर), मोहनलाल श्रीमाली (हल्दीघाटी, राजसमंद), हिम्मतलाल दुग्गड़ (उदयपुर), महासचिव पद पर शिवकुमार (कोटा), सचिव पद पर डाॅ. जगदीश खटीक (भीलवाड़ा), कोषाध्यक्ष पद पर गौरी शंकर दवे (उदयपुर), संगठन सचिव पद पर रमेश शुक्ल (उदयपुर), विद्वत प्रमुख पद पर डाॅ. दिग्विजय भटनागर, सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर, लेखक प्रमुख पद पर डाॅ. प्रतिभा पाण्डे, महिला प्रमुख पद पर डाॅ. मीना गौड़, उदयपुर, विश्वविद्यालय प्रमुख पद पर डाॅ. मनीष श्रीमाली, प्रचार-प्रसार प्रमुख पद पर डाॅ. विवेक भटनागर को नियुक्त किया गया।
साथ ही कार्यकारिणी सदस्य के रूप में अतुल श्रीवास्तव, छबड़ा कोटा, रोशन महात्मा, देलवाड़ा, राजसमंद, हरकलाल पामेचा, मथुरालाल धाकड़, छोटी सादड़ी, प्रतापगढ़, निर्मल देसाई, चित्तौड़, नारायण उपाध्याय, देवगढ़, राजसमंद, हरीश बेरी, अजमेर, राकेश कासरवाल, केशोरायपाटन, हंसराज मीणा, बारां, आदित्य गुप्ता, कोटा, डाॅ. आशीष कुमार, बांसवाड़ा, डाॅ. लक्ष्मी पटेल, बांसवाड़ा, दिव्य प्रसन्न मीणा, झालावाड़ को जोड़ा गया है।