भोपाल। कमलनाथ सरकार के समय पड़े आयकर छापों में मिले दस्तावेज में लेन-देन करने वाले बड़े अफसरों के साथ ही 64 विधायकों के नामों का खुलासा हुआ है, जिनमें तीन आईपीएस अधिकारी सुशोभन बनर्जी, संजय माने, वी. मधुकुमार के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह, मंत्री बिसाहूलालसिंह, राज्यवर्धन दत्तीगांव, प्रद्युम्नसिंह तोमर, सज्जन वर्मा सहित कई विधायकों व नेताओं के नाम शामिल हैं।
बताया जाता है कि लोकसभा विधानसभा चुनाव में काले धन का जमकर इस्तेमाल हुआ था और हवाला के जरिए कांग्रेस के दिल्ली दफ्तर को करोड़ों रुपए भेजे गए थे। कांग्रेस को पैसा देने वालों में टेक्सटाइल, रोड कंस्ट्रक्शन एवं सीमेंट उद्योगपतियो के नाम का भी जिक्र है। जिन विधायकों को पैसा दिया गया, उनमें से कुछ सिंधिया समर्थक भी हैं जिनमें से 3 बिसाहूलालसिंह, प्रद्युम्नसिंह तोमर, राज्यवर्धनसिंह अभी शिवराज सरकार में मंत्री हैं।
दिग्गी भी फंसे… बचाव में उतरेंगे नेता
सूची में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह का भी नाम शामिल है। इस छीछालेदारी के बाद कांग्रेस ने दिग्विजयसिंह के साथ ही अरुण यादव और जीतू पटवारी को मुकाबले के लिए उतार दिया है। वे इस मुद्दे पर भाजपा के कुछ बड़े नेताओं को घेरने की कोशिश करेंगे।
आयकर में फंसे चार में एक अधिकारी इस्तीफा देकर मोर्चा खोलेंगे
आयकर छापों के मामले में जिन चार अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की तैयारी की गई है, उनमें से एक अधिकारी ने इस्तीफा देकर सरकार से आर-पार की लड़ाई लडऩे का मन बना लिया है। आयकर विभाग की रिपोर्ट से अधिकारियों में हडक़ंप मचा हुआ है। यद्यपि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस मामले में बेहद संभलकर बयान दे रहे हैं। इधर खबर आ रही है कि जिन चार अधिकारियों पर एफआईआर होनी है, उनमें से एक अधिकारी ने नौकरी छोडऩे का मन बना लिया है। जिस अधिकारी ने इस्तीफा देने का मन बनाया है, उनके पास पिछली भाजपा सरकार से संबंधित कई फाइलें हैं, जिनके आधार पर वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
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