नई टिहरी। कुंभ मेला प्रशासन ने महाकुंभ 2021 के दौरान षड्दर्शन साधु समाज के आग्रह पर कुंभ नगरी देवप्रयाग में 14 जनवरी मकर सक्रांति पर साधु संतों को देवप्रयाग संगम पर पर्व स्नान की अनुमति दी है। साधु संतों सहित स्थानीय धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक संस्थाओं ने इस पर हर्ष जताया है। साधु-संतों के स्नान को लेकर देवप्रयाग में स्वागत की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। नगर पालिका अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल की अगुवाई में गुरुवार को संतो के एक प्रतिनिधिमंडल ने देवप्रयाग में आयोजित होने वाले गंगा स्नान को लेकर स्थलीय निरीक्षण किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए षड्दर्शन साधु समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत गोपाल गिरी ने बताया कि कुंभ प्रशासन ने देवप्रयाग संगम में मकर संक्रांति के पर्व पर साधु-संतों को पहली बार स्नान किए जाने की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में अर्ध कुंभ तथा महाकुंभ देवप्रयाग के संगम पर ही लगता था, परंतु समय काल परिस्थिति व स्थान के अभाव में महाकुंभ को हरिद्वार में स्थानांतरित कर किया गया।
जिसे लेकर षड्दर्शन साधु समाज की ओर से वर्तमान राज्य सरकार से पत्र व्यवहार किया गया। सरकार की ओर से इस मामले को गंभीरता से लेते साधु-संतों के प्रथम स्नान की अनुमति मकर सक्रांति पर देवप्रयाग संगम तथा दूसरे संतों के स्नान की अनुमति बसंत पंचमी को ऋषिकेश के त्रिवेणी संगम पर विधिवत रूप से दी गई है। इसके अंतर्गत साधु-संत दोनों संगमों पर तय तिथि के अनुसार ही धूम-धाम के साथ स्नान करेंगे। इसको देखते षड्दर्शन साधु समाज की ओर से अन्य अखाड़ों के साथ स्नान की तैयारियां की जा रही है। 14 जनवरी की सुबह 8 बजे संगम घाट पर साधु-संत छड़ी पूजन के साथ गंगा जी का पूजन भी करेंगे। उसके बाद समस्त संत समाज गंगा में डुबकी लगाएगा।
इस मौके पर कबीर चौरा आश्रम प्रदेश अध्यक्ष महंत कपिल मुनी, पंचनाम जूना अखाड़ा स्वामी इंदर गिरी, महंत राकेश गिरी, गौरीशंकर मंदिर, षडदर्शन साधु समाज महामंत्री कपिल महाराज, तीर्थ पुरोहित उत्तम भट्ट, सुभाष ध्यानी आदि उपस्थित रहे।