दुनिया में हजारों बीमारियां हैं। इन बीमारियों के इलाज के तरीके भी अलग हैं। कुछ के इलाज की पद्धत्ति महंगी होती है। कुछ की दवाएं। दुनिया की सबसे महंगी दवा करीब 16 करोड़ रुपए की है। ये दवा एक खास तरह की न्यूरोलॉजिकल बीमारी को ठीक करती है। ऐसी कई दवाएं और ट्रीटमेंट हैं जो बेहद महंगे हैं। इन दवाओं से बेहद दुर्लभ बीमारियों की ठीक किया जाता है।
सिनराइज (Cinryze) : सिनराइज (Cinryze) दवा का उपयोग दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी एंजियोडेमा (Angiodema) के इलाज के लिए किया जाता है। इस बीमारी में शरीर सूजने के दौरे पड़ते हैं। इस दवा का एक डोज 3 से 4 दिन के अंतराल पर दिया जाता है। इसकी एक डोज की कीमत 2890 डॉलर्स यानी करीब 2.12 लाख रुपए है। अगर आप इस दवा के 8 डोज एक महीने में लेते हैं तो आपको 16.98 लाख रुपए खर्च करने होंगे।
डाराप्रिम (Daraprim) : डाराप्रिम (Daraprim) टोक्सोप्लासमोसिस (Toxoplasmosis) नामक संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग में लाई जाती है। ये बीमारी टोक्सोप्लाज्मा गोंडी पैरासाइट की वजह से होता है। आमतौर पर इस दवा की 30 टैबलेट दी जाती है। जिनकी कीमत 17.26 लाख की रुपये होती है। जो हर दिन खानी होती है। अगर मरीज में सुधार नहीं होता तो इस दवा को अतिरिक्त 4 से 5 हफ्ते खाने के लिए दिया जाता है। अगर इस दवा का सेवन आप पांच हफ्ते करते हैं तो आपका खर्चा करीब 34 लाख रुपए हो जाता है।
तखजायरो (Takhzyro) : तखजायरो (Takhzyro) दवा का उपयोग दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी एंजियोडेमा (Angiodema) के इलाज के लिए किया जाता है। इस बीमारी में शरीर सूजने के दौरे पड़ते हैं। इस दवा का एक डोज 16.98 लाख रु प्रति डोज का पड़ता है। इस दवा का एक डोज हर दो हफ्ते में दिया जाता है। बाद में इस दवा के एक डोज को चार हफ्ते में एक बार दिया जाता है। इस मेडिकल ट्रीटमेंट की शुरूआती लागत करीब 33.84 लाख रुपए आती है।
ब्रिन्यूरा (Brineura) : ब्रिन्यूरा (Brineura) दवा का उपयोग नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारी सीएलएन-2 (CLN-2) के इलाज के लिए होता है। ये बीमारी 2 से 4 साल के बच्चों को होती है। ब्रिन्यूरा (Brineura) की एक किट 20.70 लाख रुपए की आती है। एक महीने में दो किट की जरूरत होती है। इस हिसाब से एक महीने के इलाज का खर्च आता है करीब 41.40 लाख रुपए। इलाज का समय बढ़ने पर खर्च भी बढ़ जाता है।
ऑक्सरवेट (Oxervate) : ऑक्सरवेट (Oxervate) दवा का उपयोग न्यूरोट्रोफिक केराटाइटिस (Neurotrophic Keratitis) नामक बीमारी के इलाज में किया जाता है। इस बीमारी में आंखों की कॉर्निया की ऊपरी परत उतर जाती है। इसकी वजह से लोग दृष्टिहीन हो जाते हैं। ये दवा एक दिन में 2 घंटे के अंतराल पर 6 बार आंख में डाली जाती है। इसका इलाज करीब 8 हफ्तों तक चलता है। जिसकी कीमत करीब 93,520 डॉलर्स यानी 68.67 लाख रुपए आती है।
मियालेप्ट (Myalept) : मियालेप्ट (Myalept) दवा का उपयोग लिपोडिस्ट्रोफी (Lipodystrophy) नामक दुर्लभ बीमारी के इलाज में किया जाता है। लिपोडिस्ट्रोफी में इंसान के शरीर में फैट अत्यधिक कम हो जाता है। इससे शरीर में लेप्टिन का उत्पादन बंद हो जाता है। इससे शरीर का मेटाबोलिक प्रोसेस अनियंत्रित हो जाता है। मियालेप्ट (Myalept) के एक महीने के इलाज का खर्च है 145,350 डॉलर्स यानी करीब 1.06 करोड़ रुपए। इसमें 30 इंजेक्शन, पाउडर और स्टराइल वाटर भी शामिल होता है।
रैविस्टी (Ravicti) : बच्चों में होने वाली बीमारी यूरिया साइकिल डिसऑर्डर के इलाज के लिए रैविस्टी (Ravicti) का उपयोग किया जाता है। इस बीमारी में खून की नसों के जरिए पूरे शरीर में तेजी से अमोनिया का बहाव होने लगता है, इलाज नहीं होने पर घातक हो सकता है। रैविस्टी (Ravicti) हर दिन तीन बार ली जाती है। इसकी 25 मिलीलीटर की एक बोतल 3.68 लाख रुपए की आती है। इस दवा का उपयोग एक महीने के लिए 3.09 करोड़ रुपए खर्च होता है।
एक्टहार (Acthar) : बच्चों को होने वाली दुर्लभ बीमारी इन्फैंटाइल स्पैज्म या सीजर को ठीक करने के लिए एक्टहार (Acthar) दवा दी जाती है। ये बीमारी 4 से 11 महीनों के बच्चों को होती है। इस दवा का 5 मिलीलीटर का एक वायल 40 हजार डॉलर यानी 29.36 लाख रुपए का आता है। इस दवा को दिन में दो बार दिया जाता है। इस दवा का उपयोग एक महीने के लिए 3.36 करोड़ रुपए खर्च होता है।
एक्टइम्यून (Actimmune) : क्रोनिक ग्रैन्यूलोमैटस (Chronic Granulomatour) एक अनुवांशिक बीमारी है। इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम कुछ खास बैक्टीरिया और फंगस से होने वाली बीमारियों से नहीं लड़ पाता। इसके इलाज के लिए एक्टइम्यून (Actimmune) दवा का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर इस दवा को हफ्ते में तीन बार दिया जाता है। 6 मिलीलीटर की एक वायल की कीमत है 42.06 लाख रुपए। इस दवा का उपयोग एक महीने के लिए 5.04 करोड़ रुपए खर्च होता है।
जोलजेनस्मा (Zolgensma) : जोलजेनस्मा (Zolgensma) दुनिया की अब तक की सबसे महंगी दवा है। इस दवाई का एक डोज ही 15.42 करोड़ रुपए का पड़ता है। जोलजेनस्मा (Zolgensma) का उपयोग स्पाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी (Spinal Muscular Atrophy- SMA) के इलाज के लिए किया जाता है। इस बीमारी में शरीर की मांसेपेशियों का नर्वस सिस्टम से कनेक्शन टूट जाता है। मांसपेशियां खराब होने लगती हैं। इस दवा का उपयोग एक तरह की जीन थैरेपी है।
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