लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अब यह बात स्पष्ट हो गई है कि भाजपा की प्राथमिकता में गरीब, किसान, नहीं बल्कि कारपोरेट घरानों का हित साधना है। कड़ाके की ठंड में हजारों किसान खेती बचाने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। कई अपनी जान भी गंवा बैठे हैं। लेकिन, भाजपा सरकार अंधी-बहरी बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि हद तो यह है कि एक ओर वार्ता का ढोंग किया जा रहा है, दूसरी ओर किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की भी कुचेष्टा हो रही हैं। स्वयं प्रधानमंत्री जी उनके मंत्री एवं भाजपा के छोटे बड़े सैकड़ों नेता कृषि सुधार अधिनियमों के पक्ष में स्वयं प्रचारक बनकर किसानों के खिलाफ मैदान में उतर आए हैं।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों की आवाज को दबाने के लिए दमन का सहारा लिया है। किसानों पर या उनके समर्थन में खड़े लोगों पर गम्भीर धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। कितने ही लोग जेल यातना सह रहे हैं। लेकिन, बेखबर सरकार कदमताल की स्थिति में है। घोषणाएं तो बहुत हो रही हैं। लेकिन, परिणाम शून्य निकलता है। दिखावे में उछलकूद बहुत है पर गाड़ी एक कदम भी आगे नहीं बढ़ती दिखती है। वास्तव में भाजपा सरकार नान-स्टार्टिंग है। ऐसी सरकार जो है तो डबल इंजन की लेकिन स्टार्ट नहीं हो पाई है। तो नतीजा कहां दिखेगा?
उन्होंने कहा कि किसान और उनके समर्थक सड़क पर हैं लेकिन मुख्यमंत्री जी और उनकी सरकार उड़ने का रिकार्ड बनाने में लगी हैं। अब हार थककर कार से चलने की घोषणा कर रहे हैं। वह कहां और क्यों जा रहे हैं, यह दिशाहीनता राज्य को भारी पड़ेगी। चार वर्ष में उनके काम काज का रिपोर्ट कार्ड शून्य रहा है। प्रदेश में विकास कार्यठप हैं, जनहित की एक भी योजना लागू नहीं है। समाजवादी पार्टी के कामों को ही अपना बनाकर किसी तरह इज्जत बचाई जा रही हैं। इस सच्चाई से राज्य की जनता अवगत है। (एजेंसी, हि.स.)
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