img-fluid

चीन के खतरनाक इरादे : हथियारों की क्षमता को बढ़ा रहा, शिक्षण संस्थानों में कर रहा जासूसों की भर्ती

December 16, 2020

अपनी विस्तारवादी नीतियों और खोटी नीयत के चलते चीन अमेरिका समेत कई देशों के निशाने पर है। चीन के खतरनाक इरादों का इसी बात से पता चलता है कि यह अपनी परमाणु हथियारों की क्षमता को तेजी से बढ़ा रहा है। पिछले कुछ वर्षो में जहां इसने हथियारों की संख्या ही नहीं उनके आधुनिकीकरण में तेजी दिखाई है वहीं शिक्षा के क्षेत्र में जहर घोलने का काम भी कर रहा है। एटोमिक साइंटिस्ट की सालाना रिपोर्ट के अनुसार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स (PLARF) की देखरेख में परमाणु हथियारों के बढ़ा रहा है। इस रिपोर्ट में ‘चाइनीज न्यूक्लियर फोर्स 2020’ शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में लेखक हेंस क्रिसटेनसेन और मेट कोर्डा ने पूरा विवरण दिया है।

जबकि अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने फिर से महामारी के लिए चीन को जवाबदेह बनाने की अपील के साथ ही आगाह किया है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी शिक्षा के क्षेत्र में जहर घोलने का काम कर रही है। पोंपियो के अनुसार चीन अपने जासूसों को छात्रों और शिक्षाविदों के बीच घुसाने के प्रयास में है। विदेश मंत्री ने आरोप लगाया है कि चीन छात्रों के बीच अपने जासूसों की भर्ती करने में जुटा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि कोरोना महामारी के लिए चीन को जवाबदेह बनाने के लिए विश्व के देशों को अमेरिका का साथ देना चाहिए। विदेश मंत्री ने सोमवार को एक न्यूज वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में कहा कि हमारे लिए सबसे बड़ा खतरा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी है। ये नियोजित तरीके से हमारी उच्च शिक्षा में अपनी पैठ बना रही है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के तौर पर उभर रही है।

पोम्पियो ने आगाह किया कि ये अमेरिका के लिए नहीं बल्कि विश्व के ऐसे सभी देशों के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गए हैं, जहां इनकी मौजूदगी है। माइक पोंपियो का मानना है कि कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव शी चिनफिंग अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर नागरिक क्षेत्र की सेवाओं को भी सैन्य क्षेत्र की सेवाओं के लिए इस्तेमाल कर अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं। उन्होंने विशेष तौर पर जार्जिया टेक संस्थान का नाम लेते हुए कहा कि चीन को ऐसे किसी भी संस्थान में घुसपैठ नहीं करने दी जाएगी। विदेश मंत्री ने हाल ही में चुनाव के संबंध में कहा कि प्रत्यक्ष तौर पर चीन या किसी भी विदेशी ताकत का दखल देखने को नहीं मिला है। लेकिन चीन चुने गए उम्मीदवारों और उनकी चीन के प्रति सोच को प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है।

उधर, एटोमिक साइंटिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि 1980 में शुरू हुए चीन के परमाणु हथियार के कार्यक्रम 1990 और 2000 में तेजी से बढ़े हैं। उसने पिछले कुछ सालों मे इन हथियारों की संख्या अच्छी-खासी वृद्धि कर ली है। नई मिसाइल भी अपने इस जखीरे में शामिल की हैं। उन्नत डीएफ-41 और डीएफ-31एजी मिसाइल तो उसने 2019 में ही प्रदर्शित कर दी थीं। अनुमान है कि चीन के पास वर्तमान में 350 परमाणु हथियार हैं। इनमें से 272 सौंप दिए गए हैं। 240 परमाणु हथियार जमीन से चलाई जाने वाली मिसाइल में लगाए गए हैं।

Share:

नेपाल की ओली सरकार चीन का पक्ष लेती नजर आती, लेकिन सरकार के खिलाफ विपक्षी दल सड़क पर उतरे

Wed Dec 16 , 2020
काठमांडू: सालों से भारत का मित्र देश रहे नेपाल की चीन के साथ नजदीकियां बढ़ती ही जा रही हैं। यहां तक नेपाल की ओली सरकार (KP Sharma Oli Government) वक्त वक्त पर चीन का पक्ष लेती हुई नजर आती है। लेकिन अब सरकार की हरकत के खिलाफ विपक्षी दल सड़कों पर उतर आए हैं। नेपाल […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
सोमवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved