बाड़मेर। सरहदी जिले बाड़मेर में गहलोत सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट राजस्थान रिफाइनरी 2022 तक पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगी। सरकार ने रिफाइनरी के कामों को गति देने के लिए हालिया दिनों में 25 हजार करोड़ रुपए के टेंडर जारी किए हैं। रिफाइनरी में अब तक साढ़े चार हजार करोड़ रुपये के काम पूरे हो चुके हैं। प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद कर रहे हैं।
अब जिस तरीके से काम में तेजी आई है, उसके बाद पचपदरा में रिफाइनरी का काम अब दिखने भी लगा है। लिहाजा, अब बाड़मेर ही नहीं पूरा राजस्थान उस दिन का इंतजार कर रहा है जब 2022 में रिफाइनरी का काम पूरा होगा और हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। राजस्थान के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर कुल मिलाकर 43 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी।
राजस्थान के रेगिस्तान में तेल खोजने का काम साल 2000 से शुरू हुआ था, लेकिन 2006 के बाद जिस तरीके से तेल खोज में कंपनियां लगी, उसने राजस्थान के रेगिस्तान की तस्वीर बदल दी। अब रोजाना 1 लाख 75 हजार बैरल प्रतिदिन इस इलाके में तेल निकलता है। वर्तमान में 5 हजार लोग इस कार्य को पूरा करने में लगे हैं और आने वाले दिनों में ये संख्या 10 हजार से ज्यादा जा सकती है। अभी हाल ही में रिफाइनरी को लेकर टेंडर हुआ है, जिसमें करीबन 25 हजार करोड़ के टेंडर जारी किए गए हैं। जब रिफाइनरी पूरी तैयार हो जाएगी तो सरकार के राजस्व में 4 गुना बड़ा इजाफा होगा।
वर्ष 2013 में सोनिया गांधी ने इसका शिलान्यास किया था। जबकि, 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका दोबारा शिलान्यास किया। इसके बाद से लगातार काम तेजी से चल रहा है। रिफाइनरी के के साथ ही यहां पेट्रोकेमिकल हब बनेगा, जिसमें 129 प्रोडक्ट के अलग-अलग कारखाने प्रस्तावित हैं।
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