नई दिल्ली। EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation ) उसके 6 करोड़ सदस्यों को इस महीने के अंत तक बड़ा तोहफा दे सकता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन EPFO शायद इस साल के अंत में साल 2019-20 के लिए EPF पर 8.50 फीसद ब्याज जारी कर सकता है।
इससे पहले सितंबर में EPFO ने श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता में अपने मीटिंग में 8.5 प्रतिशत ब्याज को 8.15 प्रतिशत और 0.35 प्रतिशत की दो किस्तों में विभाजित करने का निर्णय लिया था।इसी संगठन के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि श्रम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को इस महीने की शुरुआत में 2019-20 के लिए EPF पर ब्याज दर 8.5 प्रतिशत करने के लिए सहमति देने का प्रस्ताव भेजा है।
सूत्र ने कहा, “वित्त अनुसमर्थन मंत्रालय कुछ दिनों में होने की संभावना है। अतः इस महीने तक ही ब्याज जमा होने की संभावना है।” सूत्र ने आगे कहा कि पहले वित्त मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर पर कुछ स्पष्टीकरण मांगा था। इस साल मार्च में EPFO के सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ की बैठक में श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने 2019-20 के लिए EPF पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दी थी।
जबकि सितंबर में एक वर्चुअल सीबीटी बैठक में EPFO ने पिछले वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर 8.5 प्रतिशत प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करने का निर्णय लिया था, लेकिन सीबीटी ने महामारी को देखते हुए ब्याज दर को 8.15 प्रतिशत और 0.35 प्रतिशत की दो किस्तों में विभाजित कर दिया था। श्रम मंत्रालय ने तब समझाया था कि “कोविड -19 से उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों के मद्देनजर, सीबीटी द्वारा ब्याज दर के बारे में एजेंडा की समीक्षा की गई और इसने केंद्र सरकार को 8.50 प्रतिशत की समान दर की सिफारिश की।
यह (8.5 प्रतिशत ब्याज) ऋण आय से 8.15 प्रतिशत और ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) की बिक्री से शेष राशि 0.35 प्रतिशत (पूंजीगत लाभ) से 31 दिसंबर, 2020 तक उनके रिडम्पशन के अधीन होगा।” सूत्र ने यह भी बताया कि चूंकि बाजार की स्थिति उम्मीद से बेहतर है इसलिए एक बार में पूरे 8.5 प्रतिशत क्रेडिट करने का मुद्दा नहीं होना चाहिए , क्योंकि बेंच मार्क इंडेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved