भोपाल। मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग की अध्यक्षता में आज यहां शिक्षण-सत्र 2020-21 के लिये कक्षा 9वीं से 12वीं को नियमित शिक्षण के लिये खोले जाने को लेकर क्राइसेज मेनेजमेंट कमेटी की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक में विधायक कृष्णा गौर भी उपस्थित थीं।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार बैठक में शासन के निर्देशानुसार कक्षा एक से आठ तक के स्कूल 31 दिसम्बर तक बंद रखे जाने तथा पूरी तरह डिजिटल मोड में ही कक्षाएँ चलाने की बात कही गई। माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 10वीं व 12वीं की परीक्षाएँ नियत समय पर होंगी। अत: इन कक्षाओं में शैक्षणिक कार्य तुरंत शुरू करना उचित होगा। संस्थान केवल शंका समाधान के लिये छात्रों को बुला सकेगा। रेग्युलर क्लासेज नहीं खोली जायेंगी। कक्षा में बैठने की व्यवस्था इस प्रकार रहेगी कि 2 विद्यार्थियों के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी रहे।
इसके लिये एक कुर्सी छोड़कर बिठाये जाने की व्यवस्था रखी जाये यदि बैंच की व्यवस्था हो तो एक बैंच पर एक ही छात्र बैठे। संस्थान में अधिकतम 50 विद्यार्थियों की लिमिट रहेगी। छात्र के संस्थान में आने से पूर्व अभिभावकों की निर्धारित प्रारूप में लिखित सहमति अनिवार्य होगी। संस्थान में कोविड-19 के प्रोटोकॉल के पालन की पूरी जिम्मेदारी संस्था संचालक की होगी।
संस्थान के मुख्य द्वार पर पूरे समय पर एक टीम तैनात रहेगी, जो थर्मल स्क्रीनिंग, हैंड सेनेटाईजेशन और मास्क पहने होने के पश्चात ही प्रवेश करने देगी। किसी छात्र का तापमान अधिक होने पर उसका कोविड-19 टेस्ट कराया जाएगा। किसी कोचिंग संस्थान में छात्र या स्टाफ के सदस्य की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर पॉजिटिव आये व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद निर्धारित 7 दिन के क्वारेंटाइन अवधि के बाद ही उसे प्रवेश दिया जायेगा तथा इस संबंध में प्रमाण-पत्र भी लिया जाएगा।
फर्स्ट कॉन्टेक्ट व्यक्ति को निर्धारित अवधि के बाद कोविड-19 टेस्ट कराने और रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही संस्थान में प्रवेश दिया जाएगा। संस्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाये जाकर अनिवार्य रूप से वीडियो रिकार्डिंग की जायेगी ताकि रिकार्डिंग मांगने पर उपलब्ध कराई जा सके। निजी कोचिंग संस्थानों के छात्रावास भी पूर्णत: बंद रहेंगे।
उपरोक्त शर्तों व समय-समय पर केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा जारी कोविड-19 की गाइडलाइन के पालन की जिम्मेदारी संस्था प्रमुख की होगी। शर्तों का उल्लंघन करने पर संस्था पर 50 हजार रूपये तक का जुर्माना किया जा सकेगा अथवा 6 महीने तक के लिये संस्था को बंद किया जा सकेगा। बैठक में कोविड अस्पतालों में बेड की व्यवस्था, सेम्पलिंग की स्थिति, दंड प्रक्रिया सहिंता 144 के आदेश के उल्लंघन पर किये जा रहे फाइन आदि को लेकर भी विस्तृत चर्चा की गई। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया चूंकि खतरा अभी टला नहीं है, अतएव कठोरता से सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराना होगा और अपेक्षित सतर्कता बरतनी होगी।
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