भोपाल । मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया गया है कि सिंचाई के लिए बिजली नहीं मिलने की बजह से फसल सूखने का गम से परेशान किसान ने यह आत्मघाती कदम उठाया। किसान की मौत के बाद अब उस पर राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने किसान की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए शिवराज सरकार पर निशाना साधा है।
कमलनाथ ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि ‘दमोह के बेलवाडा गाँव में एक किसान रूपलाल अहिरवार को सिंचाई के लिये बिजली नहीं मिलने से उसके द्वारा फाँसी लगाकर ख़ुदकुशी किये जाने की घटना बेहद दुखद। बिजली विभाग द्वारा केबल ज़ब्त करने की जानकारी व किसान को खऱाब फ़सल का मुआवज़ा नहीं मिलने की जानकारी भी सामने आयी है। शिवराज सरकार में किसानो की आत्महत्याएँ जारी…?
दरअसल, दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बैलवाड़ा निवासी किसान रुपलाल अहिरवार का शव शुक्रवार सुबह सिकमी पर लिए खेत में एक आम के पेड़ पर फांसी के फंदे से झूलता मिला था। सूचना के बाद मौके पर पहुंची थाना प्रभारी नीतू खटीक ने पंचनामा कार्यवाही करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए तेन्दूखेड़ा भिजवाया। जहां पीएम के बाद परिजनों ग्रमीणों के द्वारा शव को अंतिम संस्कार के लिए गांव ले जाने से मना करते हुए तेन्दूखेड़ा में जबलपुर दमोह सागर मार्ग तथा बस स्टैंड के बीचों बीच रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। परिजनों का कहना है कि विद्युत विभाग द्वारा उनके लाइट कनेक्शन काट देने से सिक्मी से खेती कर रहे किसान रुपलाल फसल में सिंचाई नहीं होने की बजह से खेत मे लगी गेहूं की फसल सूख रही थी और इससे पहले धान की फसल की उपज नही होने से सदमे में था। खेती पर पूरी तरह से निर्मर किसान को तनाव इतना बड़ गया कि उसने खेत में लगे पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
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