नई दिल्ली। भारत ने राष्ट्रीय राजधानी में स्थित चीन के दूतावास के उस आरोप को गलत बताया है कि भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रस्तावित डाक-टिकट जारी करने के लिए भारतीय पक्ष ने तय समय पर उत्तर नहीं दिया, जिससे यह कार्यक्रम नहीं हो पाया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां नियमित ब्रीफिंग में कहा कि डाक टिकट जारी करने की तिथि और समय के बारे में भारतीय और चीनी पक्षों के बीच कोई बात नहीं हुई थी। चीनी दूतावास का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है।
उन्होंने कहा कि भारत – चीन राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ का शुभारंभ अभी तक नहीं हो पाया है। इसलिए इस संबंध में संयुक्त गतिविधियों को आगे बढ़ाने का प्रश्न ही नहीं उठता है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति के बारे में एक सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि भारत बार बार कहता रहा है कि एलएसी पर जो स्थिति है, उसका कारण चीनी पक्ष द्वारा एकतरफा ढंग से एलएसी में बदलाव की कोशिश करना है। भारत लगातार कह रहा है कि चीन के सभी द्विपक्षीय समझौतों का पालन करना चाहिए और कोई भी एकतरफा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे एलएसी प्रभावित हो।
उन्होंने कहा कि चीन द्वारा भी यही कहा जाता रहा है कि वह द्विपक्षीय समझौतों का सख्ती से पालन कर रहा है तथा भारत के साथ विवाद को परस्पर संवाद के माध्यम से सुलझाना चाहता है जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता कायम रहे। उन्होंने कहा कि चीन को अपने कर्म और वचनों में एकरूपता लाने की जरूरत है। श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य अधिकारियों के माध्यम से लगातार संपर्क में हैं। हमारी अपेक्षा है कि दोनों पक्ष बातचीत से एक सर्वमान्य समझौते पर सहमत होंगे ताकि एलएसी पर सभी टकराव वाले बिन्दुओं से सेनाओं को पूरी तरह से हटाया जा सके तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में पूर्ण रूप से शांति एवं स्थिरता बहाल की जा सके।
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