भोपाल। गुजरात के गिर अभयारण्य के बब्बर शेर श्योपुर के कुनो पालपुर लाए जाने हैं। पालपुर तैयार है उनके स्वागत के लिए। लेकिन गुजरात सरकार के अड़ंगे की वजह बब्बर शेर यहां नहीं आ पा रहे हैं। शेर न आ पाने से निराश वन विभाग अब यहां साउथ अफ्रीका से चीते लाने की योजना पर भी काम करने लगा है। अगर ऐसा हो पाता है तो कूनो में वाइल्ड लाइफ टूरिज्मन की संभावना काफी बढ़ जाएगी। शेर भले ही न आ पाए हों, लेकिन बाकी जानवर यहां आपके स्वागत के लिए तैयार हैं। श्योपुर जिले के कुनो-पालपुर अभयारण्य में हिरण, सांभर, भालू, जंगली सुअर सहित अन्य जानवरों का कुनबा अच्छा-खासा बढ़ गया है। हिरण, चिंकारा और सांभरों के झुंड तो कुनो में बीच रास्ते पर ही चौकड़ी भरते दिखाई देने लगते हैं। इन्हें देखकर पर्यटक रोमांच से भर जाते हैं।
कुनो पालपुर अभयारण्य करीब 750 वर्ग किलोमीटर में फैला है। वन विभाग की गणना के मुताबिक इसमें 27253 चीतल, 27808 सांभर, 5562 नीलगाय, 827 चौसिंगा, 7585 चिंकारा, 3768 जंगली सुअर, 655 हिरण, 2774 काले हिरण, 9117 लंगूर, 18753 अन्य जानवर हैं। इनमें हाइना, पेंथर, भालू, जंगली बिल्ली, खरगोश शामिल हैं। इसके अलावा पेट्रोज, नाइटजर, मोर, ओरियोल, हुफो किंगफिशर, विडपेकर, आउल, कुक्कू, हार्नविल बीईटर, सनवर्ड, पैराकीट, जंगल फाउल, स्विफ्ट स्वेलो, पिजियन, रॉबिंग सहित 250 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी भी यहां पाए जाते हैं।
कुनो में जीव-जंतुओं के अलावा घना और आकर्षक वन, पहाडिय़ां और झरने भी हैं, जो यहां के नैसर्गिक सौंदर्य को बढ़ा देते हैं। बाहरी पर्यटकों को कुनो तक बुलाने के लिए यहां एशियाई शेर या अफ्रीकी चीते लाना बेहद जरूरी है। जिसके लिए कुनो पालपुर अभ्यारण्य पूरी तरह से तैयार भी हो चुका है।
कई एक्सपर्ट कमेंटियां भी कुनो के वातावरण और व्यवस्था को एशियाई शेर और अफ्रीकी चीतों के लिए अनुकूल बता चुके हैं। अगर सरकार शेर और चीतों के लिए विशेष प्रयास करें तो श्योपुर जिला पर्यटन के मामले में दुनियाभर में मशहूर हो सकता है। इससे न सिर्फ जिले की ख्यांति को चार चांद लग जाएंगे बल्कि, यहां रोजगार की अपार संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी। इससे पलायन और बेरोजगारी दूर होगी।
कुनो पालपुर अभयारण्य के डीएफओ प्रकाश वर्मा का कहना है, कुनो लंबे समय से एशियाई शेरों के स्वागत के लिए तैयार है। सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। एक्सपर्ट भी यहां के वातावरण को अनुकूल बता चुके हैं। बस अब गुजरात सरकार के फैसले का इंतजार है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved