भोपाल। नगरीय निकाय चुनाव से पहले एक बार फिर प्रशासनिक सर्जरी के संकेत मिल रहे हैं। बताया जा रहा है, सरकार जिलों में पदस्थ कई अफसरों के तबादले की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक जिलों का फीडबैक पहुंच गया है। माना जा रहा है किबालाघाट, ग्वालियर, सीधी, शहडोल, छतरपुर, सीहोर, रायसेन और होशंगाबाद सहित 10 जिलों के कलेक्टर बदले जा सकते हैं। इसके साथ ही भाजपा को उपचुनाव के दौरान जिन जिलों में नुकसान हुआ, वहां के अफसरों को हटाया जा सकता है। नगरीय निकायों के लिए महापौर और अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया हो चुकी है। राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारी भी लगभग पूरी हो चुकी है। ऐसे में जनवरी में निकाय चुनाव कराने के लिए 15 दिसंबर के बाद कभी भी आचार संहिता लागू हो सकती है। इससे पहले मंत्रालय से ट्रांसफर की बड़ी सूची जारी करने की तैयारी है।
मुख्यमंत्री दे चुके हैं संकेत
बुधवार को कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बड़े प्रशासनिक फेरबदल के संकेत दे चुके हैं। उन्होंने कहा है कि मैदानी पोस्टिंग मेरिट के आधार पर होगी। इस दौरान कई जिलों के कलेक्टरों की कार्यप्रणाली को लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी भी जताई थी।
प्रशासनिक सर्जरी पर चुनावी हार का असर
उपचुनाव में भाजपा को 9 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। सरकार की मंशा है कि इन जिलों में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से होना चाहिए। इसे ध्यान में रखकर भी प्रशासनिक सर्जरी होगी। खासकर उन जिलों में उपचुनाव के दौरान जहां भाजपा नेताओं की अफसरों से पटरी नहीं बैठ पाई थी। क्योंकि कई नेताओं ने चुनाव के दौरान चुनाव आयोग में कई अफसरों की शिकायत भी दर्ज कराई थी।
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