नैनीताल । हाईकोर्ट ने रामनगर के सक्खनपुर गांव में बिना अधिग्रहण ग्रामीणों की भूमि पर बनी सड़क के चौड़ीकरण के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद जिलाधिकारी नैनीताल और लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) से पूछा है कि निजी भूमि पर बिना अधिग्रहण के सरकार कैसे सड़क चौड़ी कर सकती है। कोर्ट ने इस प्रकरण पर 15 दिसंबर तक स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिए हैं।
न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार ग्रामीण अमरीक सिंह, रघुवेंद्र सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने याचिका दायर कर कहा था कि बिना अधिग्रहण और मुआवजे के ग्रामीणों की भूमि पर बनी सड़क को 21 फिट चौड़ी बनाया जा रहा है। याचिका में कहा कि डंपर संचालन के लिए सड़क को जबरन चौड़ा किया जा रहा है। ग्रामीणों ने कोर्ट में बताया कि 12 वर्ष पहले ग्रामीणों की सहमति से उनके खेतों पर 12 फिट सड़क का निर्माण हुआ था। लेकिन अब बिना अधिग्रहण और मुआवजे के ग्रामीणों की भूमि पर बनी सड़क को 21 फिट चौड़ी बनाया जा रहा है। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण रोकने की मांग की थी। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने जिलाधिकारी नैनीताल और लोक निर्माण विभाग से पूछा है कि निजी भूमि पर बिना अधिग्रहण के सरकार कैसे सड़क चौड़ी कर सकती है। कोर्ट ने इस प्रकरण पर 15 दिसंबर तक स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिए।
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