भोपाल। भारत सरकार के आयुष विभाग द्वारा आयुर्वेद के सर्जरी विशेषज्ञों को 58 तरह की सर्जरी का अधिकार देने के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने देशभर में 11 दिसंबर को बंद का ऐलान किया है। भोपाल में भी इस आंदोलन के समर्थन में निजी अस्पतालों में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ओपीडी में इलाज नहीं मिलेगा। ओपीडी में सिर्फ इमरजेंसी मरीजों, कोविड मरीजों के इलाज और प्रसव की सुविधा उपलब्ध रहेगी। सिर्फ इमरजेंसी ऑपरेशन किए जाएंगे। आइएमए भोपाल चैप्टर के प्रेसिडेंट डॉ.आरएस वर्मा, वाइस प्रेसिडेंट डॉ. अपूर्व त्रिपाठी व अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार मिक्सोपैथी को बढ़ावा दे रही है। आयुर्वेद डॉक्टरों को सर्जरी का अधिकार देकर सरकार जुगाड़ के सर्जन तैयार करना चाहती है। इनके पास न तो एंटीबायोटिक है और न ही एनेस्थीसिया है। ऐसे में सर्जरी का अधिकार देना गलत है। सर्जरी के जनक तो दुनिया में सुश्रुत थे, फिर आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार क्यों नहीं मिलना चाहिए। इस सवाल पर आइएमए के पदाधिकारियों ने कहा कि सुश्रुत की सर्जरी के बारे में कोई साहित्य उपलब्ध नहीं है। न तो उनके समय में एनेस्थीसिया का उपयोग होता था और न ही एंटीबायोटिक थे। लिहाजा इस आधार पर आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एलोपैथी आधुनिक चिकित्सा विज्ञान है जो रिसर्च पर आधारित है, जबकि आयुर्वेद में रिसर्च न के बराबर है। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पांडेय ने कहा कि दुनिया में सर्जरी के जनक सुश्रुत हैं। विदेशों तक में मेडिकल कॉलेजों में उनकी प्रतिमा लगी है। आयुर्वेद एमएस डिग्रीधारी पहले से ही कई तरह की सर्जरी कर रहे हैं। भारत सरकार ने 58 तरह की सर्जरी की अधिसूचना जारी कर और स्पष्ट कर दिया है।
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