भोपाल। मुरैना जिले के बागचीनी थाने में बंधक एवं गैंगरेप पीडि़ता की रिपोर्ट लिखने में 12 घंटे की देरी और आरोपियों को फरार होने का पर्याप्त समय देने के मामले में पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया ने थाना प्रभारी अमर सिंह गुर्जर को निलंबित कर दिया है। चूंकि यह मामला पुलिस मुख्यालय पहुंच गया है। ऐसे में पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की गई है। यदि थानेदार की लापरवाही सामने आती है तो फिर बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा सकती है। इसी तरह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नीमच जिले में अफीम तस्करी के मामले में व्यापारी को झूठा फंसाने के मामले में एसपी को हटा दिया है और अन्य पुलिस कर्मियों को बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं। जानकारी के अनुसार जबलपुर की 26 साल की महिला को वेटर की नौकरी दिलाने का झांसा देकर तीन आरोपित बागचीनी थाना क्षेत्र के दोनारी गांव में ले आए। महिला को गांव से बाहर एक कुएं पर घास-फूंस व करव की झोंपड़ी में बंधक बनाकर रखा गया और तीन लोग 28 नवंबर से 8 दिसंबर तक बारी-बारी उससे दुष्कर्म करते रहे। 8 दिसंबर की सुबह महिला आरोपितों के चंगुल से छूटकर झील का पुरा गांव में पहुंची, इसी दौरान दो युवक महिला का पीछा करते हुए बाइक से यहां भी पहुंच गए, यह देख पीडि़त महिला गांव के बीच जाकर चिल्लाने व रोने लगी। इसके बाद महिला सुबह 8 बजे थाने आ गई और आपबीती सुनाई, लेकिन थाना प्रभारी अमर सिंह गुर्जर ने रात 8 बजे तक एफआईआर नहीं लिखी। बताया गया है कि तीनों आरोपित गुर्जर समाज के हैं। इनके साथ एक अनुसूचित जाति की महिला भी है। उक्त महिला ने ही जबलपुर की महिला को नौकरी का झांसा लेकर धौलपुर तक बुलाया और फिर तीनों आरोपितों के सुपुर्द कर दिया। आरोप हैं कि थाना प्रभारी ने एफआईआर में 12 घंटे की देरी लगाकर इन चारों आरोपितों को भागने का पर्याप्त समय दे दिया। रात 8 बजे के बाद तीन युवकों सहित एक महिला पर भी मामला दर्ज किया गया है। यह महिला तीनों आरोपितों की पत्नी बनकर रहती थी। यह पूरा मामला पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचा तो थानेदार को निलंबित कर दिया है। पीएचक्यू ने एसपी से रिपोर्ट तलब की है।
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