भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मैदानी अफसरों को दो टूक कह दिया है कि जो जनता के काम करेगा, वही फील्ड में टिक पाएगा। वे वीडियो कॉफ्रेेंस के जरिए प्रदेश के सभी कलेक्टर,एसपी, आईजी और संभागायुक्तों को संबोधित कर रहे थे। उन्हांने कहा कि ये कॉफ्रेेंस कोई कर्मकांड नहीं है। सुशासन देने का प्रभावी उपकरण है। सुशासन का मतलब बिना लिए-दिए समय पर जनता को सरकार की सुविधाओं का लाभ मिलना है। पोस्टिंग का आधार मेरिट ही होगा। पिछली सरकार की तरह ले देकर नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि वे यह सोचें कि वे कुर्सी पर अफसर बनकर बैठे हंै। टेबल के उस पार बैठा व्यक्ति की जगह अगर वे होते तो क्या करते। यदि आपके हाथ में आवेदन होता तो क्या करते। इस पर सोचना फिर काम के तरीके निकालें। कई बार काम नहीं करने के रास्ते निकालते हैं, लेकिन जनता की भलाई के रास्ते निकालें। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य जनता को सुशासन देना है। जनता को काम के लिए चक्कर न काटना पड़ेे।
कमिश्नर-आईजी शोभा की वस्तु नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टर, एसपी, कमिश्नर-आईजी कोई शोभा की वस्तु नहीं है। उनकी अपनी भूमिका निभानी होगी। कलेक्टर-एसपी सीएम के प्रतिनिधि होते हैं। उन्हें जनता के बीच जाना होगा।
कार्यकर्ता और जनता सम्मान
मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि भाजपा की सरकार में कार्यकर्ताओं का सम्मान भी चाहिए। जनता का भी। जनता सर्वोपरी है। अब सभी जिलों की रेटिंग होगी। हर विभाग का परफॉर्र्मंेस तय होगा। बेहरत काम करें।
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