img-fluid

यूरोपियन यूनियन ने बनाई नई औषधि रणनीति

December 09, 2020


ब्रसेल्स । यूरोपियन यूनियन (EU) ने अपने दवा उद्योग को जवाबदेह बनाने की एक बड़ी योजना बनाई है। इसे न्यू फार्मासियुटिकल स्ट्रेटेजी (New pharmaceutical strategy) का नाम दिया गया है। इसका मकसद ईयू के सभी नागरिकों को सस्ती, सुरक्षित, अच्छी गुणवत्ता वाली, नवीनतम और सटीक दवाएं उपलब्ध कराना बताया गया है।

ईयू के दवा उद्योग को नया रूप देने के कई सुझाव इस 25 पेज के इस दस्तावेज में शामिल हैं। लेकिन जानकारों का कहना है कि इन सुझावों को लागू करना और उनके जरिए बताए गए उद्देश्यों को हासिल करना आसान नहीं होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि वैसे यह दस्तावेज ईयू के लिए एक बड़ा अवसर है। इसे ठीक से लागू किया जाए, तो दवाएं सचमुच सस्ते में उपलब्ध हो सकती हैं, क्योंकि दस्तावेज में नॉन-ब्रांडेड दवाओं तक लोगों की पहुंच बनाने की जरूरत बताई गई है। नॉन-ब्रांडेड दवाओं को जेनरिक दवाएं भी कहा जाता है।

जेनरिक दवाओं में भी वही एक्टिव इंग्रेडिएंट्स होते हैं, जो ब्रांडेड दवाओं में होते हैं। लेकिन जेनरिक दवाएं सस्ती होती हैं, क्योंकि ब्रांडेड दवाओं के प्रचार-प्रसार में कंपनियां काफी धन खर्च करती हैं और उसकी कीमत उपभोक्ताओं से वसूल करती हैं। प्रस्तावित दस्तावेज में जेनरिक दवाओं को प्रोत्साहित करने का संकल्प जताया गया है। कहा गया है कि अगर इसके रास्ते में फार्मा कंपनियां कोई अड़चन डालेंगी, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ड्रग कंपनियां पेटेंट संरक्षण के जरिए अपने ब्रांड की रक्षा करती हैं। वे इस नियम में किसी बदलाव के खिलाफ रही हैं। रणनीति पत्र में कहा गया है कि दवाओं के लिए प्रोत्साहन के नियम बदलने का लाभ पूरे दवा उद्योग को मिलेगा। इससे उन क्षेत्रों में भी रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा, जिनमें फिलहाल दवा कंपनियों को मुनाफा नजर नहीं आता। खासकर ऐसे रोगों के मामलों में उनकी रिसर्च करने में दिलचस्पी नहीं होती, जिनसे कम संख्या में लोग पीड़ित होते हैं।

लेकिन दस्तावेज में बताया गया है कि ऐसे रोगों से ईयू में हर साल लगभग तीन करोड़ लोग पीड़ित होते हैं। इन रोगों के 95 फीसदी मामलों में इलाज के विकल्प फिलहाल उपलब्ध नहीं होते। ईयू के अधिकारियों ने कहा है कि उनका इरादा बौद्धिक संपदा अधिकार कानूनों को खत्म करना नहीं है, जिनसे ईयू के फार्मा उद्योग को संरक्षण मिला हुआ है। ना ही नई रणनीति के तहत बड़ी दवा कंपनियों को रिसर्च या पेटेंट अधिकार छोड़ने के लिए बड़ी आर्थिक सहायता दी जाएगी। बल्कि मकसद अभी के सिस्टम को दुरुस्त करना है, जिससे मरीजों को लाभ हो सके और नई दवाओं के आविष्कार को प्रोत्साहन मिल सके।

पुर्तगान में लिस्बन स्थित नोवा बिजनेस एंड इकोनॉमिक्स में हेल्थ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर पेद्रो पिता बैरोस ने वेबसाइट पोलिटिको.ईयू से कहा कि यूरोपीय आयोग की इस पहल से आविष्कार की बड़ी संभावनाएं खुल सकती हैँ। आयोग चाहता है कि ईयू के सदस्य देश ड्रग का टेंडर देने के अपने नियमों की समीक्षा करें। ये समीक्षा इस तरह की जाए, जिससे पर्यावरण एवं सप्लाई सुरक्षा के मुद्दों को बेहतर ढंग से हल किया जा सके।

पिता बैरोस ने कहा कि बेहतर खरीद नीति से इस क्षेत्र की समस्याओं का सामना किया जा सकता है। लेकिन उन्होंने आगाह किया कि कम मामले वाले रोगों की दवाएं बनाते समय उनकी कीमत को नियंत्रित रखना जरूरी होगा, वरना पीड़ितों को कोई फायदा नहीं हो पाएगा। कोविड-19 महामारी की जैसी मार दुनिया पर पड़ी है, उससे दवा और टीका संबंधी रिसर्च की व्यवस्था पर नए सिरे से दुनिया का ध्यान गया है। विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र में मौजूद चुनौतियों की तरफ नीति निर्माताओं का ध्यान खींचा है। इसी बहस के बीच ईयू ने ताजा पहल की है। जिनेवा स्थित संस्थान- नॉलेज इकॉलॉजी इंटरनेशन से जुड़े विशेषज्ञ तिरु बालसुब्रह्मण्यम ने वेबसाइट पोलिटिको से कहा कि ईयू की फार्मासियुटिकल स्ट्रेटेजी का प्रभाव इस क्षेत्र के बाहर तक हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस दस्तावेज में औषधि अनुसंधान की लागत के बारे में पारदर्शिता बरतने पर जोर दिया गया है। यह उत्साहवर्धक है।

यूरोपीय आयोग ने साफ शब्दों में इस संबंध में जो कहा है कि उसका असर विश्व स्वास्थ्य संगठन पर हो सकता है। बालसुब्रह्मण्यम ने ध्यान दिलाया कि डब्लूएचओ की इस मामले में पारदर्शिता की कोशिश पर अमेरिका, स्विट्जरलैंड और दूसरे कुछ देशों ने पानी फेर दिया था, क्योंकि इससे उनके यहां की दवा कंपनियों का मुनाफा घटता। लेकिन ईयू की मजबूत पहल से अब डब्लूएचओ में भी चीजें एक बार फिर खुल सकती हैंं।

Share:

Dyslexia बीमारी क्‍या है, जानें इसके लक्षण और बचाव

Wed Dec 9 , 2020
डिस्लेक्सिया (Dyslexia) एक मानसिक बीमारी है जो बच्चों में अधिक देखी जाती है। इस रोग में मरीज को पढ़ने, लिखने और शब्दों को बोलने में के साथ-साथ याद करने और रखने में परेशानी होती है। डिस्लेक्सिया किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। खासकर बच्चे डिस्लेक्सिया से अधिक पीड़ित होते हैं। इस बीमारी […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
मंगलवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved