सर्दी के मौसम में हम अपनी डाइट में उन चीजों को शामिल करें जिनकी तासीर गर्म हो और जो हमारी बॉडी को एनर्जी दें। सर्दी में हम तिल का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर करते हैं। जहां तिल तरह-तरह की मिठाईयों का स्वाद बढ़ाते हैं वहीं हमें एनर्जी भी देते हैं। तिल में ऐसे तत्व और विटामिन पाए जाते हैं जो तनाव को कम करते है और साथ ही दिमाग को तेज करते हैं।
तिल काला हो या सफेद दोनों फायदेमंद है। तिल ना सिर्फ दिल की मांसपेशियों की हिफाजत करता है बल्कि हड्डियों को भी मजबूत करता है। कई शोध में ये बात सामने आई है कि तिल में मौजूद सेसमीन नामक एंटिऑक्सीडेंट कई बीमारियों को दूर करने में मददगार है। आइए जानते हैं तिल खाने के सेहत के लिए कौन-कौन से फायदे हो सकते है।
दिल के लिए फायदेमंद है
तिल में प्रोटीन, कैल्शियम, मिनरल्स, मैगनीशियम,आयरन और कॉपर जैसे कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो दिमाग की सेहत के लिए फायदेमंद है। रोजाना तिल का इस्तेमाल याददाश्त को मजबूत बनाता है। तिल अल्जाइमर जैसी बीमारी को कोसो दूर भगाता है।
पाचन को दुरुस्त रखता है तिल:
तिल के बीजों में मौजूद फाइबर पाचन को दुरुस्त रखता है। उच्च फाइबर की मात्रा आंतों की क्रिया को दुरुस्त रखती है साथ ही पेट से जुड़ी समस्याओं से भी निजात दिलाती है।
दिल के लिए फायदेमंद है:
तिल में एंटी ऑक्सीडेंट्स और सूजन रोधी गुण दिल के स्वास्थ्य के लिए मुफीद हैं। इन बीजों में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड भी पाया जाता है। इससे शरीर में खराब कोलेस्ट्रोल कम होता है और अच्छा कोलेस्ट्रोल बढ़ता है।
अस्थमा का इलाज करता है:
अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए तिल बेहद उपयोगी है। तिल में मैग्नीशियम पाया जाता है जो अस्थमा और अन्य सांस संबंधी बीमारियों को रोकता है।
ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है:
हाई बीपी तेजी से लोगों में पनपने वाली बीमारी है। तिल के इस्तेमाल से हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है। तिल में मौजूद मैग्नीशियम, पॉलीअनसेचुरेटेड फैट्स और सीसेमिन नामक यौगक शरीर के ब्लड प्रेशर लेवल को कंट्रोल रखते हैं।
बालों को मजबूत करता है तिल:
तिल का इस्तेमाल न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए बल्कि बालों के लिए भी फायदेमंद है। तिल में ओमेगा फैट्टी एसिड बालों के विकास को बढ़ाता है और बाल झड़ने की समस्या को रोकता है।
कैंसर से बचाव करता है:
सफेद तिल के बीज में मौजूद मैग्नीशियम कैंसर रोधी गुणों की पहचान रखता है। तिल में कैंसर रोधी यौगिक फाइटेट भी पाया जाता है। माना जाता है कि शरीर में ट्यूमर के खतरे को ये कम करके कैंसर से बचाता है।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें। अगर आप किसी बीमारी से पहले ही ग्रसित हो तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही सेवन करें ।
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