काठमांडू । नेपाल और भारत के संबंधों ( India-Nepal relations) में पिछले कुछ महीनों में आई खटास के बाद दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए हाल ही में कई उच्च स्तरीय वार्ता में हिस्सा लिया है. इस बीच भारत और नेपाल के संबंधों में मजबूती को दर्शाती एक और सुखद खबर सामने आई है कि दोनों देशों ने एक संयुक्त व्यापार मंच बनाने पर सहमति व्यक्त की है.
व्यापार और पारगमन (ट्रेड एंड ट्रांसिट) पर भारत-नेपाल अंतर-सरकारी समिति की बैठक में दोनों पक्षों से निजी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक ऐसा मंच बनाने का निर्णय लिया गया है. दो वर्षो के बाद हुई वाणिज्य सचिव स्तर की बैठक में दोनों देशों के बीच व्यापार और वाणिज्य मुद्दों पर हुई प्रगति की समीक्षा की गई.
व्यापार को लेकर दोनों देशों के बीच हुई चर्चा
भारतीय वाणिज्य सचिव अनूप वधावन और नेपाल के वाणिज्य और आपूर्ति सचिव बैकुंठ आर्यल की मौजूदगी में हुई इस वर्चुअल (ऑनलाइन) बैठक में यह निर्णय लिया गया, जो कि सोमवार को आयोजित हुई. बैठक के बाद काठमांडू में भारतीय दूतावास की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दोनों पक्षों ने विभिन्न सरकार-स्तरीय पहलों के बारे में भी विस्तार से चर्चा की, जिन्हें भविष्य में व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ाने के लिए उठाए जाने की आवश्यकता है.
इन डीलों पर हुई बातचीत
समिति द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए आगे की समीक्षा के लिए सर्वोच्च द्विपक्षीय तंत्र है. इनमें दोनों पक्षों की ओर से पारगमन की संधि एवं व्यापार की संधि, रेल सेवा समझौतों में संशोधन, निवेश प्रोत्साहन के लिए किए जाने वाले उपाय, संयुक्त व्यापार मंच का गठन, मानकों के सामंजस्य के साथ-साथ व्यापार ढांचे के समन्वित विकास पर व्यापक समीक्षा पर होने वाली महत्वपूर्ण चर्चा शामिल होती है.
नेपाल का सबसे बड़ा भागीदार है भारत
आयात और निर्यात दोनों के मामले में भारत, नेपाल का सबसे बड़ा व्यापार और निवेश भागीदार है. बयान में कहा गया, “आज की व्यापक चर्चा और बैठक में हुई प्रगति से भारत और नेपाल के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों में विस्तार को समर्थन मिलने की उम्मीद है.” व्यापार और पारगमन पर अंतर-सरकारी समिति की बैठक पिछले महीने भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की नेपाल यात्रा के बाद हुई है.
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