संयुक्त राष्ट्र । पाकिस्तान (Pakistan) की खस्ता हाल आर्थिक स्थिति को कोरोना ने धरातल पर ला दिया है। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में कोरोना महामारी को लेकर बुलाए विशेष सत्र में पाक ने सबसे पहली मांग यही रखी कि विश्व समुदाय के लिए काम करने वाली आर्थिक एजेंसियों को बीमारी के समाप्त होने तक सभी ऋणों के किस्तों की अदायगी रोक देनी चाहिए।
पाकिस्तान की आर्थिक मोर्चे पर खराब हालत है और उसने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) व अन्य संस्थाओं से ऋण ले रखा है। अब उसे इन ऋणों की अदायगी में दिक्कतें आ रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र के विशेष सत्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपना दस सूत्रीय प्रस्ताव रखा। जिसमें पहली मांग थी कि कोरोना महामारी को देखते हुए कम आय वाले देशों की किस्तों की अदायगी रोकी जाए। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्रों की कंपनियों के द्वारा लिए गए ऋणों की भी री-स्ट्रक्चरिंग करने की सलाह दी।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन देशों की आय बहुत कम है और कोरोना महामारी में नुकसान हुआ है, उन्हें आसान किस्तों पर शार्ट टर्म लोन दिए जाएं। उन्होंने कमजोर देशों के विकास और जलवायु की बेहतरी के लिए किए जा रहे कार्यो में मदद करने की भी अपील की।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने टैक्स चोरों के लिए स्वर्ग बने देशों में कालाधन जाने से रोकने के लिए उपाय करने की भी बात कही। उनका यही संदेश था कि खस्ता हाल देशों को धनी देशों व अतंरराष्ट्रीय संस्थाओं के द्वारा मदद करनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र ने कोरोना महामारी के इस विशेष सत्र में सौ प्रमुख नेताओं के साथ ही बड़े स्वास्थ्य संगठनों के पदाधिकारियों और कोरोना पर वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को भी विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया है।
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