नागदा। जिस जगह पर उसके पिता ने 26 वर्ष पहले दम तोड़ा था उसी जगह पर पुत्र ने भी अंतिम सांस ली। यह कहानी बजरंग दल के नेता निलेश विश्वकर्मा से जुड़ी है। निलेश राजस्थान के जयपुर-हरियाणा नेशनल हाइवे पर दुर्घटना के बाद मौत का शिकार हुए। बजरंग दल के पूर्व प्रखंड मंत्री विश्वकर्मा का अंतिम संस्कार शुक्रवार को चंबल तट नागदा जिला उज्जैन में हुआ। निलेश की मौत के दो दिन बाद उसका शव शुक्रवार नागदा पहुंचा।
इस प्रकार निलेश की जुड़ी उसके पिता से कहानी
निलेश के पिता हरदेशव प्रसाद विश्वकर्मा ग्रेसिम उद्योग के पावर हाउस प्लांट में कार्य करते थे। वर्ष 1994 को उनको उद्योग की ओर से इंडोनेशिया के प्लांट में कार्य के लिए भेजा गया था, लेकिन कुछ दिन बाद वहा पर उनकी तबियत खराब हो गई थी। जिसके बाद उनको तुरंत भारत लाया गया और एयरपोर्ट से दिल्ली के राम लौहिया अस्तपाल में ले जाया गया। कुछ दिन उपचार चलने के बाद वहां उन्होने दम तोड़ दिया था। इसी स्थान पर निलेश ने भी अंतिम सांस ली।
कैसे हुई थी निलेश की दुर्घटना
निलेश अपने मित्र निखिल की बहन की शादी में शामिल होने दिल्ली के पानीपथ के लिए 25 नंवबर को नागदा से निखिल के साथ बुलेट से रवाना हुआ था। जयुपर से लगभग 40 किमी दूर 26 नंवबर की शाम 7:15 बजे दुर्घटना का शिकार हो गया। निलेश के वाहन के आगे एक कार चल रही थी। चलती कार में चालक ने गेट खोल दिया था। जिससे निलेश की बाईक उससे टकरा गई थी और एवं उसका दोस्त घायल हो गए थे। दोनों को उपचार के लिए जयपुर के नीमस अस्तपाल में भर्ती किया गया था। जहां से निलेश को गंभीर हालात में 27 नवंबर को दिल्ली के राम लौहिया अस्पताल में रैफर किया गया। 3 दिसंबर की दोपहर को निलेश ने वहां पर दम तोड़ दिया।(हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved