नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) क्रियान्वयन की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ को विशेष उधार खिड़की माध्यम से 3,109 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। साथ ही केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को अतिरिक्त 1,792 करोड़ रुपये जुटाने के लिए उधार की अनुमति भी दे दी है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार ने जीएसटी क्रियान्वयन में आ रही राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा सुझाए हाय विकल्प-1 को स्वीकार करने के अपने निर्णय से अवगत कराया है। इसके तहत उसे उक्त राशि प्राप्त होगी। विकल्प-1 का चयन करने के निर्णय प्राप्ति के बाद केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार को 1,792 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति दी है।
विकल्प-1 की शर्तों के तहत, जीएसटी क्रियान्वयन से उत्पन्न होने वाली राजस्व कमी को पूरा करने के लिए उधार के लिए एक विशेष खिड़की की सुविधा प्राप्त करने के अलावा, राज्यों को कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.50 प्रतिशत की अंतिम किस्त बिना किसी शर्त के उधार लेने की अनुमति है जो आत्मनिर्भर अभियान के तहत भारत सरकार द्वारा 17 मई, 2020 को दी गई 2 प्रतिशत अतिरिक्त उधारी से अलग है।
यह विशेष खिड़की के 1.1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर और अधिक है। विकल्प-1 का चयन करने वाले राज्यों की संख्या अब बढ़कर 27 हो गई है। झारखंड के अलावा सभी राज्यों और तीन संघ शासित प्रदेशों की विधानसभाओं ने विकल्प-1 के समर्थन में निर्णय लिया है। जिन राज्यों और संघ शासित प्रदेशों ने विकल्प-1 का चयन किया है उन्हें जीएसटी क्रियान्वयन में आ रही राजस्व कमी को दूर करने के लिए भारत सरकार की विशेष उधार खिड़की से यह राशि प्राप्त हो रही है। यह खिड़की 23 अक्टूबर से काम शुरू कर चुकी है और केन्द्र सरकार ने इन राज्यों के आधार पर पहले ही पांच किस्तों में 30,000 करोड़ रुपये उधार लिए हैं और इसे विकल्प-1 का चयन करने वाले राज्यों तथा संघ शासित प्रदेशों को दिया है। विशेष उधार खिड़की के माध्यम से उधार ली गई धनराशि को राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों को 23 अक्टूबर 2020, 2 नवम्बर 2020, 9 नवम्बर 2020, 23 नवम्बर 2020 और 1 दिसम्बर 2020 को जारी कर दिया गया। (एजेंसी, हि.स.)
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