मंदसौर। गांधीसागर अभ्यारण्य क्षेत्र में इन दिनों वन विभाग द्वारा वन्य प्राणीयों का गणना का आयोजन किया गया है। इसके प्रथम चरण में 12 विशेषज्ञों की टीम ने अभयारण्य में पायें जाने वाले जीवों के जीवन पर अध्ययन किया।
उल्लेखनीय है कि भारत में सफेद गिद्ध गांधीसागर में ही पायें जाते है। इसके लिए इनके जीवन को जानने के लिय कार्ययोजना बनाई है। इसके लिए दो दिनी सर्वे किया गया, ताकि उक्त प्रजाति का संरक्षण किया जा सकें। गांधीसागर के आस पास फैला बड़ा जलाशय है जो कि गिद्धों के जीवन के लिए महत्वपूर्ण रहता है।
गिद्ध गणना से पहले वन विभाग ने अन्य राज्यों से आए 12 विशेषज्ञों की टीमें बनाकर सर्वे कराया। टीमों ने रविवार व सोमवार को गांधीसागर के क्षेत्रों का भ्रमण कर गिद्धों के 115 आवास चिह्नित किए। जानकारों के अनुसार मादा गिद्ध इस समय घोंसले बनाकर अंडे देती है इसलिए आवास की जानकारी आसानी से एकत्र की जा सकती है। फरवरी में गिद्धों की गणना की जाएगी।
मंगलवार को जिला वनमंडलाधिकरी संजय कुमार ने हिस को बताया कि पांच राज्यों से 12 विशेषज्ञों का एक दल गांधीसागर अभ्यारण में सफेद गिद्ध एवं अन्य प्रजाति पर सर्वे करेंगा। प्रथम सर्वेक्षण में 115 गिद्धों के आवास विशेषज्ञों को मिलें है। पांच राज्यों से आऐ वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने पाया कि इस समय मादा गिद्धों द्वारा अंडा देने का कर्य किया जाता है। इसलिए गिद्धों के जीवन पर अध्ययन करने के लिए यह समय सही रहता है। मादा गिद्ध सुरक्षित स्थानों पर घोंसलों का निर्माण करती है। प्रतिवर्ष इसी माह अभ्यारण में वन्य प्राणीयों का सर्वेक्षण नवम्बर से फरवरी माह तक किया जाता है।
वन मंडलाधिकारी संजय कुमार ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि प्रदेश के वन विभाग द्वारा गिद्धों के लिये सर्वे कार्य नवम्बर से फरवरी माह तक किया जाता है। 2018 में हुई गणना में प्रदेश में सर्वाधिक गांधीसागर में ही गिद्ध पाये जाते है। रविवार और सोमवार को अन्य राज्यों से आयें 12 जानकारों वन विभाग की टीम के साथ गांधीसागर का भ्रमण किया। इसके लिए गांधीसागर को 23 भागों में बांटा गया है।
वन विभाग के सहयोग से 12 विशेषज्ञ गांधीसागर में इन दिनों सफेद गिद्ध के जीवन पर अध्ययन कर रहे है। अध्ययन करने वालों में सर्वे के लिए आंध्रा, न्यू दिल्ली, महाराष्ट्र, उड़ीसा व मप्र के विभिन्न क्षेत्रों से वन्य जीवों पर काम करने वाले विशेषज्ञों ने गांधीसागर पहुंच गिद्ध आवास गणना में सहयोग दिया। इसमें उड़ीसा से संगनिका शुचीमीता लिंका, महाराष्ट्र के अभिषेक पालीवाल, उड़ीसा के आशुतोष देय, उड़ीसा के सुभद्रा बारीक, उड़ीसा से प्रजाना परिमिता साहो, सौरव गिरी, सुम्या गौर, अमन, सचिन माटकर, स्वप्निल फंणसे आदि शामिल हुए।
सचिन माटकर ने बताया कि सफेद गिद्ध दुर्लभ प्रजाति है वैसे देश में सफेद गिद्ध का जीवन खतरे है। इसके लिए गिद्धों के संरक्षण के लिये विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए। ताकि सफेद गिद्ध प्रजाति को बचाया जा सके। हमने प्रथम चरण में 115 आवास चिन्हित कियें।
गांधीसागर रेंज के अनुविभागीय अधिकारी एमएल परमार ने बताया कि अभी मादा गिद्ध घोंसले बना कर अंडे देती है। फरवरी तक अंडों से बच्चे बाहर आ जाएंगे। उस समय गिद्ध भी उनके आवास पर मिलते हैं। फरवरी में गणना कर गिद्धों की स्थिति का पता लगाया जाएगा। इस बार गिद्धों की संख्या अधिक मिलने की उम्मीद है। आवास भी अच्छे मिले हैं। इनकी सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये हैं। सभी अधिकारी इन पर निगाह बनायें हुए है। (हि.स.)
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