नई दिल्ली । कम्प्यूटर में एक गलत क्लिक से एक छात्र का आईआईटी जाने का सपना टूट गया है। ये कहते हुए एक छात्र ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है। 18 वर्षीय एक छात्र का कहना है कि वो मुंबई के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में दाखिला लेने से केवल इसलिए चूक गया क्योंकि उसने गलती से एक ‘गलत’ लिंक पर क्लिक कर दिया। ये ऑप्शन प्रक्रिया से बाहर होने से संबंधित था।
सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले छात्र सिद्धांत बत्रा आगरा के रहने वाले हैं। वो अपने माता-पिता की मौत के बाद अपने दादा-दादी के साथ रहते हैं। छात्र ने अदालत से आईआईटी को उसे प्रवेश देने के संबंध में निर्देश देने का अनुरोध किया है। इससे पहले आईआईटी ने इस चरण में किसी भी तरह के हस्तक्षेप से इनकार किया था क्योंकि सीटें भर चुकी हैं और नियमों का पालन जरूरी था।
संस्थान ने कहा कि छात्र अगले साल फिर जेईई (एडवांस) में आवेदन कर सकते हैं। जेईई (एडवांस) परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 270वीं रैंक प्राप्त करने वाले सिद्धांत बत्रा ने अपनी याचिका में दावा किया कि उसने अनजाने में एक गलत लिंक पर क्लिक कर दिया था जो उसकी सीट को छोड़ने से संबंधित था। याचिका के मुताबिक, छात्र वेबसाइट के जरिये ऑनलाइन प्रवेश पाने के लिए सीट को सुरक्षित करना चाहते थे, गलती से दूसरा ऑप्शन क्लिक कर दिया।
हाईकोर्ट ने ठुकराई थी याचिका
बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने 23 नवंबर को बत्रा की याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में बत्रा ने आईआईटी को इसमें मानवीय आधार पर विचार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। साथ ही एक सीट बढ़ाने का आग्रह किया है। अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या फैसला देता है।
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