– चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने पर संचालक मंडल में जाने की जुगाड़ भी लगा रहे कई नेता
इन्दौर। उपचुनाव हो चुके हैं और अब निगम चुनाव की तैयारियां चल रही हैं, लेकिन इस बीच सत्ता में आने के लिए वरिष्ठ नेता अपनी दावेदारी कर रहे हैं। भाजपा को निगम-मंडलों के साथ-साथ आईडीए में भी नियुक्ति करना है। इसके लिए कई नेताओं ने अपने-अपने आकाओं के माध्यम से भोपाल-दिल्ली के चक्कर लगाना शुरू कर दिए हैं। उपचुनाव में काम करने वाले कई नेताओं को भी आईडीए की कुर्सी सपने में आने लगी है।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अपने तीसरे कार्यकाल में आईडीए में केवल अध्यक्ष पद पर शंकर लालवानी को ही रखा और संचालक मंडल का गठन तक नहीं किया, लेकिन अब जब चौथी बार शिवराज सत्ता पर काबिज हुए हैं। कांग्रेस जरूर इस कुर्सी पर अपने नेता की नियुक्ति करना चाहती थी, लेकिन उसकी सरकार जाती रही। अब आईडीए की कुर्सी भाजपा के कई नेताओं को दिखने लगी है। जिन नेताओं को 2018 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला, वे भी दावेदारों की लाइन में हैं। संगठन के सूत्रों के अनुसार आईडीए की कुर्सी के लिए जो नेता लॉबिंग कर रहे हैं, उनमें सुदर्शन गुप्ता, गोपी नेमा, जीतू जिराती, सावन सोनकर, हरिनारायण यादव, उमेश शर्मा जैसे नाम सामने आ रहे हैं। इनमें से यादव को छोड़ दिया जाए तो बाकी नेताओं को उपचुनाव में बड़ी जवाबदारी दी गई थी और सभी ने अपने-अपने क्षेत्र में अच्छा काम किया और भाजपा प्रत्याशियों को जिता लाए। अगर जीत का पुरस्कार दिया जाता है तो इन नेताओं में से किसी एक को कुर्सी दी जा सकती है। हालांकि संचालक मंडल में शामिल रहे कुछ नेताओं को भी अध्यक्ष की कुर्सी के सपने आ रहे हैं। कुछ नेताओं ने संघ के पदाधिकारियों की परिक्रमा भी शुरू कर दी है, ताकि संघ के वीटो पॉवर से आईडीए की कुर्सी उनके कब्जे में हो जाए। संचालक मंडल में शामिल होने के लिए कुछ पूर्व पार्षद और पार्टी के नेता भी अपने-अपने नेताओं के माध्यम से दांव लगा रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं लग रहा है कि निगम चुनाव के पहले आईडीए की घोषणा हो जाए।
कार्यकारिणी को लेकर उदासीनता
आज से मंडल स्तर पर प्रशिक्षण वर्ग शुरू होना थे, लेकिन मंडलों की नई कार्यकारिणी की घोषणा नहीं होने से ये अटक गए हैं। न तो शहरी क्षेत्र की कार्यकारिणी घोषित हो पाई है और न ही ग्रामीण क्षेत्र के अध्यक्ष 15 में से 1 भी मंडल की कार्यकारिणी घोषित कर पाए हैं। इससे अब प्रशिक्षण वर्ग का कार्यक्रम आगे बढऩे की संभावना है। हालांकि प्रदेश के कई शहरों में 27 नवम्बर से ही प्रशिक्षण वर्ग की शुरुआत हो चुकी है।
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