img-fluid

वियतनामी सेनाओं की ‘सूरत’ सुधारेगा भारत, चीन को उसी की भाषा में जवाब देने बनाई ​रणनीति

November 28, 2020

नई दिल्ली । ​चीन से वियतनाम के बिगड़ते रिश्तों के बीच ​भारत ने ​​इंडो पैसिफिक के प्रमुख​​ साझेदार के रूप में वियतनामी सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए प्रतिबद्धता जताई है। भारत और वियतनाम ने एक-दूसरे की वायु सेनाओं के पायलटों को संयुक्त प्रशिक्षण देने और ​​संयुक्त राष्ट्र ​​शांति मिशन में तैनात किए जाने वाले बलों के प्रशिक्षण पर सहमति व्यक्त की है​​। ​रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत, वियतनाम की तीनों सेनाओं को भारतीय रक्षा संस्थानों के जरिए बेहतर प्रशिक्षण देने की भी इच्छुक है। ​चीन को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए भी भारत-वियतनाम ने रणनीति बनाई​।

​भारत और वियतनाम के बीच शुक्रवार को ​वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से द्विपक्षीय वार्ता ​के दौरान दोनों देशों के बीच हाइड्रोग्राफी पर समझौ​​ता​ होने के साथ ही ​रक्षा मंत्री ने भारत और वियतनाम के बीच रक्षा क्षेत्र में संबंधों को और मजबूत करने का आह्वान किया।​ ​सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस ​लेने में हनोई की दिलचस्पी को ​देखते हुए भारत द​​क्षिण चीन सागर में चीन के साथ समुद्री सीमा संबंधी मुद्दों पर वियतनाम के साथ बातचीत कर रहा है। वियतनाम ब्रह्मोस के अलावा भारत के आकाश वायु रक्षा प्रणाली और ध्रुव हेलीकॉप्टरों सहित कई सैन्य उपकरणों की मेजबानी हासिल करने का इच्छुक है लेकिन फंडिंग सहित कई कारणों से यह सौदा नहीं हुआ है।​

​भारत ने हाल ही में ​वियतनाम के​ लिए लाइन ऑफ क्रेडिट ​बढ़ाई है​।​ ​इसके अलावा वियतनाम के सशस्त्र बलों ​की क्षमता निर्माण और वृद्धि के लिए संकल्पित है,​ जिसमें वायु सेना के पायलटों और संयुक्त राष्ट्र के कामों में तैनाती के लिए बलों का प्रशिक्षण शामिल है। रक्षा उद्योग की क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सहयोग में सहयोग पर भी मंत्रियों ने चर्चा की।​ ​भारत ​का कहना है कि वह ​वियतनाम को एक साझा विदेशी देश के रूप में साझा चिंताओं और साझा हितों के साथ देखता है। दोनों देश समुद्र में जहाज निर्माण, सतह और उपसतह क्षमता जैसे रक्षा सहयोग के कई क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं​​।

​वियतनाम के साथ बढ़ते रक्षा सहयोग के हिस्से के रूप में ​रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सोशलिस्ट रिपब्लिक वियतनाम के नेशल डिफेंस मंत्री एच.ई.जनरल एनगो जुआन लिच ​ने द्विपक्षीय स्तर की बातचीत ​के दौरान ​दोनों देशों के पायलटों को​ संयुक्त रूप से प्रशिक्षित करने, जहाज निर्माण और पनडुब्बियों ​के निर्माण ​में सहयोग की तलाश ​की​।​ ​दोनों देश ​पहले से ही ​समुद्र में पनडुब्बियों की तरह जहाज निर्माण, सतह और उपसतह क्षमता जैसे रक्षा सहयोग के कई डोमेन में भी सहयोग कर रहे हैं।​ ​इस मौके पर दोनों देशों के बीच चल रहे मौजूदा प्रोजेक्ट और भविष्य के रक्षा साझेदारी की संभावनाओं के बारे में भी बातचीत हुई है। रक्षा मंत्री ने भारत और वियतनाम के बीच रक्षा क्षेत्र में संबंधों को और मजबूत करने का आह्वान किया। इसके लिए भविष्य में भारत और वियतनाम मिलकर संस्थागत फ्रेमवर्क समझौता भी करेंगे।​

Share:

राष्ट्रपति भवन में 'आर्मी गार्ड बटालियन' के औपचारिक बदलाव के गवाह बने कोविंद

Sat Nov 28 , 2020
नई दिल्ली । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को राष्ट्रपति भवन में तैनात आर्मी गार्ड बटालियन के औपचारिक बदलाव के गवाह बने। सेरेमोनियल आर्मी गार्ड बटालियन के रूप में अपना साढ़े तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद पहली गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन ने आज सिख रेजिमेंट की छठी बटालियन को प्रभार सौंप दिया। […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
सोमवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved