नई दिल्ली। देश के किसानों को फायदा पहुंचाने तथा बिचौलियों से बचाने के मकसद से लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी कड़ी में पंजाब-हरियाणा से किसानों ने दिल्ली चलो मार्च निकाला। हालांकि उऩ्हें राष्ट्रीय राजधानी में घुसने से रोकने के लिए पुलिस द्वारा वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। सरकार के इस बल प्रयोग को कांग्रेस पार्टी ने अन्याय की संज्ञा दी है। कांग्रेस ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की इस किसान विरोधी सरकार को देश कभी माफ नहीं करेगा। संविधान दिवस पर किसानों को रोकना संवैधानिक नहीं, किसानों को दिल्ली आने दिया जाये।
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि मोदी सरकार के दमनकारी फैसले न्याय को नष्ट कर अन्याय को बढ़ावा दे रहे हैं। किसानों पर पानी की बौछारें अन्याय की पूरक हैं, किसान समय आने पर इस अन्याय का जवाब जरूर देगा। उन्होंने कहा कि आज संविधान दिवस पर किसानों की स्वतंत्रता को कुचला जा रहा है, किसानों की आवाज को दबाया जा रहा है। भाजपा सरकार किसानों का दमन कर उनके हर संवैधानिक अधिकार को नष्ट कर रही है।
वल्लभ ने कहा कि केंद्र के कृषि कानून का लाभ सिर्फ पूंजीपतियों को मिल रहा है। इसीलिए किसान अपनी मांगों को लेकर आवाज नहीं उठाएंगे तो क्या करेंगे। किसानों ने दिल्ली का रुख अपनी आवाज सत्ता में बैठे लोगों तक पहुंचाने के लिए किया है और ये पुलिसिया दमन और लाठी-पानी की बौछारों से नहीं डरते। कांग्रेस पार्टी किसान के हर अधिकार की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित है। चाहे भाजपा सरकार कितने भी अत्याचार कर ले, किसानों की आवाज दबा नहीं पायेगी।
वहीं, कृषि बिलों के विरोध में किसानों के दिल्ली कूच पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि विरोध करना लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार है, अगर हमारा संविधान उन्हें अपनी आवाज़ उठाने का अधिकार देता है तो आप क्यों उन्हें रोक रहे हो? जबकि शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा है कि सरकार किसानों से राज्य के दुश्मनों की तरह बर्ताव कर रही है। (एजेंसी, हि.स.)
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