भोपाल। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के प्रारूप प्रकाशन के साथ पुनरीक्षण का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। जिसके तहत आज से मतदाता सूची संशोधन का काम शुरू हो गया है। 15 जनवरी 2021 को अंतिम प्रकाशन के साथ यह पूरा होगा। तब तक कलेक्टर सहित 65 हजार बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के तबादले पर आज से प्रतिबंध लग गया। यदि सरकार को कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), तहसीलदार (मतदाता सूची के कार्य में संलग्न) का तबादला करना है तो पहले आयोग से अनुमति लेनी होगी। चुनाव आयोग द्वारा फोटोयुक्त मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2021 का प्रारूप प्रकाशन बुधवार को कर दिया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीरा राणा ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके मतदाता और मतदान केंद्र की स्थिति बताते हुए पात्र मतदाताओं का नाम जुड़वाने में सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने बताया कि एक जनवरी 2021 या उससे पहले 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाला मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वा सकता है। नाम हटवाने और संशोधन कराने के लिए आवेदन 24 दिसंबर तक लिए जाएंगे और इनका निराकरण सात जनवरी 2021 तक किया जाएगा। 15 जनवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। उन्होंने सभी दलों के प्रतिनिधियों से मतदान केंद्र स्तर पर इस काम के लिए अभिकर्ता नियुक्त करने की अपील की है। बैठक में सभी दलों की ओर से कहा गया कि मतदाता सूची में नाम जोडऩे और हटाने की प्रक्रिया में परिवर्तन किया जाए। एक ही मतदाता परिचय पत्र सभी जगह रहे और एक ही सूची मान्य हो। नए जिले और तहसील बनने के बाद सूची में नाम संशोधित कराना पड़ता है। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अरुण कुमार तोमर का कहना है कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के समय कलेक्टर (जिला निर्वाचन अधिकारी), एसडीएम (रजिस्ट्रिकरण अधिकारी), तहसीलदार (सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी) और बूथ लेवल अधिकारी के स्थानांतरण नहीं होते हैं। यदि आवश्यक है तो शासन आयोग की अनुमति लेकर तबादला कर सकता है।
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