अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का नतीजा साफ हुए दो हफ्ते से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है, लेकिन राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप हार मानने के लिए अब तक तैयार नहीं हैं। जाहिर है, निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को सत्ता सौंपने की प्रक्रिया को उन्होंने पूरी तरह रोक रखा है। जबकि अब तक की मतगणना प्रक्रिया और उसे दी गई कानूनी चुनौतियों पर अदालतों का जो रुख सामने आया है, उससे चुनाव परिणाम पलटने की गुंजाइश लगातार घटती गई है। लेकिन ट्रंप की टीम एक के बाद दूसरे पेंच फंसाने की कोशिशों में है।
जॉर्जिया राज्य में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन की जीत हुई है। ट्रंप टीम ने वहां दोबारा गिनती की मांग की। तब फिर से वोटों को गिना गया। इसमें बाइडेन की जीत की पुष्टि हुई है। तो अब ट्रंप ने फिर तीसरी बार वोटों को गिनने की औपचारिक अर्जी दाखिल कर दी है। इसका मतलब हुआ कि लगभग 50 लाख वोटों को फिर से गिनना होगा। राज्य में 49,98,482 वोट पड़े हैं। इनमें जो बाइडन 12,670 वोटों से जीते हैं। इस राज्य के कानून के मुताबिक अगर कोई उम्मीदवार कुल मतदान के 0.5 फीसदी के अधिक के अंतर से विजयी होता है, तो उसे जीत का प्रमाणपत्र दे दिया जाता है। लेकिन ट्रंप की टीम की अड़चनों की वजह से यहां मामला फिलहाल उलझा हुआ है। ट्रंप की टीम ऐसे ही पेच मिशिगन और पेंसिल्वेनिया राज्यों में भी फंसाने की तैयारी में है।
अधिकांश विशेषज्ञों की यही राय है कि ट्रंप को दूसरा कार्यकाल मिलने की संभावना ना के बराबर है। इसके बावजूद जिस तरह वे लगातार अपनी जीत के दावे कर रहे हैं, उससे देश के राजनीतिक माहौल को भारी नुकसान पहुंच रहा है। देश में राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। बीते हफ्ते इकॉनमिस्ट/ यू-गोव के एक सर्वे में सामने आया कि रिपब्लिकन पार्टी के 84 फीसदी समर्थक नहीं मानते कि बाइडन वैध ढंग से जीते हैं। इसका मतलब है कि लाखों लोगों की निगाह में देश की चुनाव प्रणाली संदिग्ध हो गई है। साथ ही ये लोग यही मानते रहेंगे कि जो बाइडन अवैध ढंग से राष्ट्रपति बने हैं। इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत माना जा रहा है।
वाटरगेट कांड का खुलासा करने वाले पत्रकार बॉब वुडवार्ड के सहयोगी रहे कार्ल बर्नस्टीन ने वेबसाइट द हिल.कॉम से कहा- “हम एक पागल राजा को अपने शासनकाल के आखिरी दिनों में देख रहे हैं, जो पूरे सिस्टम को ढाह देने के लिए धरती खोद डालने पर आमादा है। हमारे इतिहास में वह ऐसा पहला राष्ट्रपति है, जो चुनाव प्रणाली को लांछित करने की हद तक जाकर अमेरिका और इसकी जनता के हितों को क्षति पहुंचा रहा है।”
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