नई दिल्ली। देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण के बीच अच्छी खबर है। भारत मे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford-AstraZeneca) की कोरोना वैक्सीन को इंमरजेंसी मंजूरी (Emergency Approval) मिल सकती है। इसकी पहली खेप जनवरी या फरवरी तक देश मे उपलब्ध हो सकती है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कम्पनी एस्ट्राजेनका की इस वैक्सीन को भारत में पुणे की सीरम इंस्टिट्यूट तैयार कर रही है। इन दिनों इस वैक्सीन का भारत सहित दुनिया के करीब 30 देशों में तीसरे और चौथे दौर का ट्रायल चल रहा है।
नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल के मुताबिक एस्ट्राजेनका को अगर ब्रिटेन में वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलती है तो भारत मे भी इस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो भारत मे अगले साल के शुरुआत में वैक्सीन उपलब्ध होगी। भारत मे इस सम्भावित वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल पूरे होने से पहले मंजूरी मिलती है तो सबसे पहले इसे हेल्थ वर्कर्स जैसे कि डॉक्टर्स,नर्स और दूसरे फ्रंटलाइन वर्कर्स को ये वैक्सीन दी जाएगी।
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इसके ट्रायल कर रही है। उम्मीद है कि तीसरे चरण का ट्रायल जनवरी-फरवरी तक पूरे हो जाएंगे। बता दें कि जब कोई संस्था ट्रायल के बीच मे शुरुआती नतीजों के आधार पर किसी वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी देती है तो इसे आपातकालीन मंजूरी कहा जाता है।
इससे पहले सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा था कि ये वैक्सीन फरवरी तक बाज़ार में आ जाएगी। एक कार्यक्रम में पूनावाला ने कहा था कि 2021 की पहली तिमाही में वैक्सीन की करीब 30 से 40 करोड़ खुराक उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने ये भी कहा था कि स्वास्थ्य कर्मियों और बुजुर्गों के लिए ऑक्सफोर्ड कोविड-19 का टीका अगले साल फरवरी तक और और आम लोगों के लिए अप्रैल तक उपलब्ध होना चाहिए। पूनावाला ने भी कहा कि 2024 तक हर भारतीय को टीका लग चुका होगा।
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