छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पेंच पार्क से सटे चौरई और पांढुर्णा क्षेत्र में बाघ और बाघिन का आतंक है। बाबू की दहशत से वन अमले की मुसीबत तो बढ़ी ही है साथ ही ग्रामीण भी अपने घरों में ही दुबकने मजबूर हो गए है। पिछले एक सप्ताह से बाघ और बाघिन पर निगरानी रखने वन अमला परेशान है। छिंदवाड़ा जिले की पूर्व वन मंडल अंतर्गत चौरई रेंज की बात करें तो यहां अलग-अलग ग्रामीण क्षेत्रों में दो बाघों की हरकत नजर आ रही है।
जानकारी के मुताबिक ग्राम सांख में पिछले चार-पांच दिनों से बाघ दिख रहा है तो वही ग्राम खुटिया के जंगल में दूसरे बाघ की मौजूदगी बनी हुई है। खुटिया में बाघ ने एक गाय का शिकार भी कर लिया है। जिसके चलते वन विभाग की दो टीमें जंगल से लगे क्षेत्रों में सर्चिंग कर रही है।
चौरई रेंजर हीरालाल सनोडिया के मुताबिक दोनों ही स्थानों में ग्रामीणों को सतर्क रहने और घरों में ही रहने की हिदायत दी गई है। कैमरे में बाघ आये है, लेकिन अभी एहतियातन छुपाना पड़ रहा है। इसी तरह छिंदवाड़ा के ही दक्षिण वन मंडल अंतर्गत पांढुर्ना रेंज से लगे ग्राम मारूड और बड़ेगांव में महेन्द्री के जंगल में एक बाघिन का आतंक है। पिछले सप्ताह भर से गांव के किसान और मजदूर खेतों में काम करने नहीं जा पा रहे हैं।
महेन्द्री के जंगल और वर्धा नदी से सटे नाले और खेत के आसपास बाघिन की लोकेशन बनी हुई है। प्रत्यक्षदर्शी किसानों के मुताबिक बाघिन गर्भवती बताई जा रही है तो वही बाघिन के हमले के डर से किसान खेत नहीं जा पा रहे हैं। रबी सीजन के दौरान किसानों के काम अटके हुए है। वन विभाग का अमला भी बाघ को पकड़ने निगरानी रखे हुए है। पांढुर्णा रेंजर दिलीप भलावी के मुताबिक बाघ पर वन अमला नजर रख रहा है। पगमार्क मिले है। ग्रामीणो को हिदायत दी गई है कि सतर्कता बरते और जरूरी न हो तो खेत और जंगल की तरफ न जाये। हिस
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