देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देख मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने कोरोना पर राजनीतिक हित से ऊपर उठकर साथ काम करने का निर्णय लिया। भाजपा और कांग्रेस पार्टी ने भी मुख्यमंत्री को अपनी तरफ से सुझाव दिए, लेकिन बैठक से हटते ही सभी दल एक बार फिर सियासी मूड में नजर आए और केजरीवाल सरकार पर कोरोना से निपटने में अक्षम होने का आरोप लगाया। भाजपा ने मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये करने के निर्णय की भी आलोचना की। छठ के मामले पर भी सरकार और विपक्षी दलों में राजनीतिक रस्साकसी साफ दिखाई पड़ी। एक तरफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साफ किया है कि छठ पर किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी, तो वहीं भाजपा ने कहा है कि छठ की महत्ता को देखते हुए दिल्ली सरकार को अनुमति देनी चाहिए। इसके लिए अदालत से भी अपील करनी चाहिए।
भाजपा की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार की कोरोना मामलों से निपटने की रणनीति बिल्कुल बेअसर साबित हुई है। पूरे देश में जब कोरोना के मामलों में कमी आ रही है, दिल्ली में इसमें लगातार तेजी आ रही है। पूरे देश की तुलना में राजधानी में सबसे ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में लाखों लोग ऐसे हैं, जो 200 रुपये दिन में कमा भी नहीं पाते हैं। उनके पास मास्क खरीदने भर के लिए भी पैसे नहीं होते हैं। ऐसे लोग अगर बिना मास्क के पकड़े जाते हैं, तो वे जुर्माना कैसे भरेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा अभियान चलाकर गरीब लोगों में मुफ्त मास्क बांटेगी, जिससे लोग अपने आपको और अपने परिवार को कोरोना से बचा सकें।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved