वाशिंगटन । अमेरिका (US) ने ईरान ( Iran) के खिलाफ और प्रतिबंध लगाए हैं। ईरान के सुप्रीम नेता आयातुल्ला अली खामनेई (Supreme Leader Importullah Ali Khamani) के नियंत्रण वाले फाउंडेशन (The Foundation) को काली सूची में डाल दिया है। अमेरिका के वित्त मंत्रालय (ट्रेजरी विभाग) की तरफ से प्रतिबंधों की घोषणा की गई।
पाबंदियों के घेरे में ईरान के खुफिया मंत्री को भी रखा गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की तरफ से ईरान पर दबाव बनाने की कड़ी में ये नवीनतम प्रतिबंध लगाए गए हैं।
अमेरिका ने ये पाबंदियां ऐसे समय में लगाई हैं, जब दो महीने बाद राष्ट्रपति ट्रंप का कार्यकाल खत्म हो रहा है। तीन नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप हार चुके हैं और अमेरिका के अगले राष्ट्रपति जो बाइडन होने वाले हैं। खामनेई के नियंत्रण वाले बोनयाद मोस्तजाफन यानी फाउंडेशन ऑफ ऑप्रेस्ड, फाउंडेशन से जुडी 50 कंपनियों और 10 व्यक्तियों को काली सूची में डाला गया है। इनमें ऊर्जा, खनन और वित्तीय सेवा से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं।
अमेरिका में इन कंपनियों और व्यक्तियों की संपत्तियों को जब्त कर लिया जाएगा। साथ ही इन लोगों और कंपनियों के साथ अमेरिका के किसी व्यक्ति के व्यवसाय करने पर भी रोक होगी। ऐसा नहीं है कि अमेरिका ने ऐसा कदम कोई पहली बार उठाया है। इससे पहले भी वह समय समय पर ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को धार देता रहा है। बीते दिनों अमेरिका ने ईरान के तेल क्षेत्र से जुड़ी कई इकाइयों पर प्रतिबंध लगाए थे।
अमेरिका ने पेट्रोलियम मंत्री, राष्ट्रीय ईरानी तेल कंपनी और राष्ट्रीय ईरानी टैंकर कंपनी को भी काली सूची में डाल दिया था। ऐसे में जब अमेरिका में नई सरकार आने वाली है… ईरान के साथ रिश्ते बेहतर होने की उम्मीद कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि चुनावी अभियान के दौरान डेमोक्रेट कमला हैरिस कह चुकी हैं कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा यही नहीं अस्थिरता फैलाने वाले उसके कदमों पर रोक लगाएगा।
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