विद्यार्थी परिषद और युवा मोर्चा के पदाधिकारी भी आए थे हमला करने
इंदौर। भाजपा नेता गोपीकृष्ण नेमा के घर हुई हमले की घटना में पुलिस ने 14 लोगों को नामजद आरोपी बना लिया है। आरोपियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। पुलिस ने कुछ को तो गिरफ्तार कर लिया है, जबकि कुछ के रिश्तेदारों को दबाव बनाने के लिए थानों पर बैठाया है। हत्या का मास्टरमाइंड इंदौर में पदस्थ रहे एडीजी की फेयरवेल पार्टी में भी देखा जा चुका है।
दरअसल पूरे विवाद की जड़ जुबेर शेख से रुपयों की वसूली को बताया जा रहा है। जुबेर कनाडिय़ा क्षेत्र का रहने वाला है। बीते दिनों उसके परिजन ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस को लिखाई थी, लेकिन उसके लापता होने की कहानी अभी तक बाहर नहीं आई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि जुबेर सूदखोरों के रुपए ब्याज पर चलाता था। कई सूदखोर तो उससे तीन गुना रुपया वसूल चुके थे। इन्हीं सूदखोरों ने रुपए वसूलने के लिए उसका अपहरण किया था। बाद में किसी नेता के मार्फत पुलिस ने उसे मुक्त कराया था। यह घटनाक्रम सितंबर का बताया जा रहा है। एक थाना प्रभारी ने सूदखोरों को गिरफ्त में भी लिया था। मोटा माल लेकर मामला रफा-दफा कर दिया। सूदखोरों को क्लीन चिट मिल गई। इसके बाद सूदखोरों ने जुबेर को खजराना में जालसाजी में उलझा दिया। जुबेर ड्रायफ्रूट व्यापारी है। जुबेर से अयाज गुड्डू का बेटा सेंट्रल कोतवाली क्षेत्र में रुपए वसूलने के लिए गया और फिर विवाद के बाद बात नेमा के घर तक आ पहुंची। इस पूरे मामले में पुलिस अभी तक अश्विन सिरोइया, करण राणा, अभिषेक कुशवाह, अरुण वर्मा, लक्की, सन्नी उर्फ नयन सोनी, विपिन, ऋषभ, अनमोल संधु, सुदर्शन और सुचित सहित 14 लोगों को आरोपी बना चुकी है।अश्विन मूल रूप से नागदा का रहने वाला है। वह करीब 17 साल पहले इंदौर में एक हत्या की फरारी काटने के लिए आया था। इसके बाद उसे यह शहर रास आ गया। यहां उसने कमोडिटी, सट्टे और वसूली के काम शुरू कर दिए। बदमाशों की गैंग से भी जुड़ा, संदीप तेल हत्याकांड में भी उसका नाम उछला था। एक पूर्व एडीजी की फेयरवेल पार्टी में भी वह मौजूद था। इसी दौरान उसने जुबेर की बहन से प्रेम विवाह भी कर लिया। हमले का मास्टमाइंड अश्विन ही बताया जा रहा है। अश्विन के बारे में यह भी बताया जा रहा है कि उसने कम समय में इंदौर में खासी संपत्ति बना ली है। करण राणा और अनमोल संधु पहले सोंटा के साथी थे। बाद में करण अश्विन से जुड़ गया। सन्नी मूल रूप से खरगोन का रहने वाला है। यहां भंवरकुआं क्षेत्र में छात्र राजनिती करता है।
दो साल पहले सत्ता बदली तो भाजपा से कांग्रेस के एक बड़े गुट से जुड़ गए थे हमलावर
गोपी नेमा के घर हमला करने के मामले ने अब राजनीतिक मोड़ भी ले लिया है। हमला करने वालों में कुछ भाजपाई शामिल थे, जो विद्यार्थी परिषद और युवा मोर्चा में रह चुके हैं, लेकिन दो साल पहले जब प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता आई थी तो वे एक पूर्व मंत्री से जुड़ गए। ये लोग भंवरकुआं क्षेत्र में छात्रों से वसूली और छोटे-मोटे अपराध करते थे। ये थे तो कांग्रेसी, लेकिन वर्तमान में एक भाजपा नेता से जुड़े थे।
गोपी नेमा के घर पर हुए हमले में पुलिस अभी तक दो आरोपियों को ही पकड़ पाई है। दूसरों की तलाश में पुलिस लगातार छापे मार रही है, लेकिन आरोपी हाथ नहीं लग सके हैं। जिस सनी सोनी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उसके बारे में बताया जा रहा है कि वह एबीवीपी में रहा हंै। वहीं मेहुल हार्डिया के बारे में बताया जा रहा है कि वह युवा मोर्चा की नगर कार्यकारिणी में था, लेकिन नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने कहा कि ऐसा कोई व्यक्ति मोर्चा की कार्यकारिणी में नहीं रहा है। करण राणा कांग्रेसी है और ये तीनों एक साथ जुड़े हुए थे। जब ये लोग गोपी नेमा के घर हमला करने गए तो इन्हें मालूम था कि ये नेमा का घर है, लेकिन ये बताना चाहते थे कि हम इतने बड़े बदमाश हैं कि भाजपा के बड़े नेता पर हमला कर सकते हैं। बाकायदा मोबाइल से इसकी वीडियो भी उतारी गई थी। जो जानकारी सामने आई है, उसमें मेहुल हार्डिया और सनी सोनी 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इन्दौर से बनाए गए एक मंत्री के भाई से जुड़ गए थे और उसी के साथ घूमते देखे गए थे। पिछले दिनों से जब प्रदेश में फिर भाजपा की सत्ता आई तो ये भाजपा के एक पदाधिकारी के आगे-पीछे घूमने लगे। इन लोगों का भंवरकुआं क्षेत्र में दबदबा था और ये गुट बनाकर वसूली और गुंडागर्दी करते थे।
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