वजीरिस्तान । पाकिस्तान (Pakistan) मेें पख्तूनों ( Pakhtun) के निरंतर गायब होने, मारे जाने और उनके ऊपर होने वाले अत्याचार के खिलाफ मीरान शाह में मंगलवार को एक जबर्दस्त रैली (rally) हुई है । रैली में पख्तूनिस्तान के दूर–दराज इलाकों से वाहनों में हजारों लोग पहुंचे। रैली में मांग की गई कि पाकिस्तान की सेना पख्तूनों पर अत्याचार बंद करते हुए संविधान के दायरे में रहकर काम करे।
पख्तून तहफ्फुज मूवमेंट (पीटीएम) के नेतृत्व में आयोजित रैली में मंजूर पश्तून ने कहा कि पाकिस्तान की मीडिया ने सेना के खिलाफ चल रही उनकी मुहिम को अघोषित रूप से सेंसर कर दिया है। इसके बाद भी सोशल मीडिया के माध्यम से उनकी यह जंग जारी रहेगी।
उन्होंने कहा कि पख्तूनों के साथ सेना का अत्याचार चरम पर है और हमारे लोग मारे जा रहे हैं। तमाम लोग गायब हो गए हैं। सेना पख्तूनों का नरसंहार कर रही है। आतंकवादी भी उनको निशाना बना रहे हैं। पीटीएम ने एक स्थानीय कमीशन के माध्यम से जांच कराने की मांग की। रैली में विपक्षी दलों के कुछ सांसद भी मौजूद थे। करीब एक महीने पहले दक्षिणी वजीरिस्तान के वाना में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ पश्तून एकता मार्च निकाला गया था, जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल हुए थे।
गौरतलब है कि पीटीएम पश्तूनों की रक्षा के लिए चलाया जाने वाला एक आंदोलन है। यह आंदोलन खासतौर पर बलूचिस्तान और खैबर पख्तून्ख्वा में रहने वाले पश्तूनों के लिए शुरू किया गया था। इस आंदोलन की शुरुआत मई 2014 में डेरा इस्माइल खान में गोमाल यूनिवर्सिटी के कई छात्रों ने मिलकर की थी। जनवरी 2018 में इस आंदोलन में नया मोड़ उस समय आया जब एक फर्जी मुठभेड़ में नकीबुल्ला मेहसूद नाम के शख्स की बेरहमी से हत्या कर दी गई।
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