नई दिल्ली। आखिरकार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर में हाल ही बने राजनीतिक मोर्चे के नेताओं के बिगड़े बोल पर संज्ञान लिया। उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए चेतावनी दी कि अगर ये नेता देश की भावना के खिलाफ चलते रहे तो इनकी लुटिया डूबनी तय है। शाह ने ट्विटर पर गुपकार गठबंधन को ‘गुपकार गैंग’ करार देते हुए कहा कि ये लोग विदेशी ताकतों का जम्मू और कश्मीर में दखल चाहते हैं। शाह ने कांग्रेस के गुपकार गठबंधन को समर्थन पर पूछा, “गुपकार गैंग भारत के तिरंगे का अपमान करता है। क्या सोनिया जी और राहुल गुपकार गैंग के ऐसे कदमों का समर्थन करते हैं? उन्हें देश की जनता के सामने अपना स्टैंड साफ करना चाहिए।” शाह ने कहा कि इस ‘ग्लोबल गठबंधन’ का मकसद किसी तरह से अनुच्छेद 370 को बहाल करना है।
शाह ने एक के बाद एक ट्वीट्स में कहा कि ‘कांग्रेस और गुपकार गैंग जम्मू और कश्मीर को वापस आतंक के युग में ले जाना चाहते हैं।’ शाह ने कहा, “वे दलितों, महिलाओं और आदिवासियों के वे अधिकार छीन लेना चाहते हैं जो हमने अनुच्छेद 370 हटाकर दिए हैं। यही वजह है कि देश की जनता उन्हें हर जगह रिजेक्ट कर रही है।” गृह मंत्री ने अगले ट्वीट में कहा, “जम्मू और कश्मीर हमेशा से भारत का आतंरिक हिस्सा रहा है। भारत के लोग राष्ट्रहित के खिलाफ बने किसी अपवित्र ‘ग्लोबल गठबंधन’ को सहन नहीं करेंगे। या तो गुपकार गैंग देश के मूड के साथ चले नहीं तो लोग उसे डुबो देंगे।”
गुपकार गठबंधन के नेताओं के ‘बिगड़े बोल’
ध्यान रहे कि गुपकार गठबंधन के शीर्ष नेता लगातार देश विरोधी बयान दे रहे हैं। 11 अक्टूबर के फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि वो चीन की मदद से जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को वापसी सुनिश्चित करेंगे। फिर 23 अक्टूबर को महबूबा मुफ्ती के बेहद बिगड़े बोल सामने आए। उन्होंने कहा कि वो कश्मीर के झंडे के अलावा और कोई झंडा नहीं उठाएंगी। महबूबा का यह बयान सीधे-सीधे भारतीय राष्ट्र को चुनौती जैसा है। महबूबा के इस रुख पर बीजेपी ने अपनी गहरी नाराजगी जताई। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता ने कहा, ‘वो जमाने चले गए जब दो झंडे हुआ करते थे। बीजेपी का वादा था, एक विधान, एक निशान, एक प्रधान और हमने सत्ता में आने पर उसे पूरा किया। ये लोग पता नहीं कौन से वहम में जी रहे हैं।’
DDC चुनाव में गुपकार गठबंधन के साथ कांग्रेस
गुपकार गठबंधन की घोषणा के बाद से ही यह बीजेपी के निशाने पर है। कांग्रेस ने हाल ही में महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला के साथ मिलकर जिला विकास परिषद(डीडीसी) चुनाव लड़ने की योजना बनाई है। बीजेपी ने सोमवार को भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुपकार के नेताओं पर निशाना साधा था। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि, “इनका एक निश्चित एजेंडा है कि अनुच्छेद 370 को हटाया जाना रद्द होना चाहिए और उसे फिर से लागू किया जाना चाहिए। फारूक अब्दुल्ला जैसे कुछ लोग तो इस सीमा तक चले गए कि उन्होंने कहा है कि अनुच्छेद 370 को दोबारा लागू करवाने के लिए चीन की भी सहायता लेनी पड़े तो हम लेंगे।”
बीजेपी ने करार दिया था ‘गुप्तचर गठबंधन’
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोमवार को इसे ‘‘गुप्तचर गठबंधन’’ करार दिया था। पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में संबित पात्रा ने कहा कि अब जबकि कांग्रेस गुपकार गठबंधन में शामिल हो गई है, तो उसे यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला के उस बयान का समर्थन करती है जिसमें उन्होंने अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए कथित तौर पर चीन से मदद की बात की थी।
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