वॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि भारत के प्रति उनके आकर्षण की प्रमुख वजह महात्मा गांधी हैं, जिनका ‘ब्रिटिश शासन के खिलाफ सफल अहिंसक आंदोलन अन्य तिरस्कृत, हाशिए पर पहुंच गए समूहों के लिए एक उम्मीद की रोशनी बना’। अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति रहे ओबामा ने हालांकि अपनी नई किताब ‘ए प्रॉमिस्ड लैंड’ में इस बात पर खेद जताया कि भारतीय महापुरुष गांधी जाति व्यवस्था पर सफलतापूर्वक ध्यान देने या धर्म के आधार पर देश के विभाजन को रोकने में असमर्थ रहे।
किताब में ओबामा ने 2008 में चुनाव अभियान से लेकर अपने प्रथम कार्यकाल के अंत तक के सफर को बयां किया है। इस किताब का दूसरा भाग भी आएगा। अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर दो बार भारत आए ओबामा ने कहा, ‘भारत के प्रति मेरे आकर्षण का सबसे बड़ा कारण महात्मा गांधी हैं। (अब्राहम) लिंकन, (मार्टिन लूथर) किंग और (नेल्सन) मंडेला के साथ-साथ गांधी ने मेरी सोच को बहुत प्रभावित किया।’ ओबामा ने कहा, ‘एक युवा के तौर पर, मैंने उनके लेख पढ़े और पाया कि वह मेरे अंदर के सहज ज्ञान को आवाज दे रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि ‘सत्याग्रह’ की उनकी धारणा या सत्य के प्रति समर्पण और अंतरात्मा को जगाने के लिए अहिंसक प्रतिरोध की शक्ति, उनका मानवता और सभी धर्मों की एकजुटता पर जोर देना और अपनी राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था के माध्यम से, हर समाज के प्रति वचनबद्धता में उनका विश्वास ताकि लोगों के साथ समान व्यवहार हो..ये सभी विचार मेरे अंदर परिलक्षित हुए। गांधी के कार्यों ने मुझे उनके शब्दों से अधिक प्रभावित किया। उन्होंने अपने जीवन को खतरे में डालकर, जेल जाकर और लोगों के संघर्ष में अपना जीवन लगाकर अपने विचारों की परीक्षा दी।
ओबामा ने किताब में लिखा, गांधी ने 1915 में ब्रिटश शासन के खिलाफ अहिंसक आंदोलन शुरू किया था, जो 30 साल से अधिक चला, जिसने केवल एक साम्राज्य पर काबू पाने और उपमहाद्वीप के अधिकतर हिस्सों को स्वतंत्र कराने में ही मदद नहीं की, बल्कि पूरी दुनिया में नैतिकता की एक लहर भी चला दी। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ‘इससे अश्वेत अमेरिकियों सहित अन्य तिरस्कृत, हाशिए पर पहुंच गए समूहों को उम्मीद की रोशनी मिली।’
ओबामा ने सुनी रामायाण-महाभारत
ओबामा ने कहा कि उन्होंने बचपन में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य हिंदू कथाओं को सुना है जिससे भारत के लिए उनके मन में हमेशा एक विशेष स्थान रहा है। ओबामा ने किताब में लिखा कि वह 2010 में अपनी राष्ट्रपति की यात्रा से पहले कभी भारत नहीं गए थे, लेकिन भारत के लिए हमेशा मेरी कल्पना में एक विशेष स्थान रखा था। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि मैंने अपने बचपन का एक हिस्सा इंडोनेशिया में रामायण और महाभारत की महाकाव्य हिंदू कथाओं को सुना।
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