चंडीगढ़। उत्तरी क्षेत्रीय राज्यों पंजाब, हरियाणा व राजस्थान की मंडियों में इस साल दीवाली के मौके पर रुई कीमतों में गत साल की तुलना में लगभग 305 से 400 रुपये प्रति मन की तेजी रही। इस साल दीवाली के मौके लगभग 27000 रुई गांठों का कारोबार हुआ जबकि पिछले साल इस मौके पर लगभग 50,000 गांठों का कारोबार रहा था।
पंजाब में इस बार रुई का दाम 4260-4280 रुपये प्रति मन, हरियाणा में 4161, 4165 4170 रुपये प्रति मन और श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ सर्कल में 4161-4165 रुपये प्रति मन व्यापार रहा। इस बार रुई व्यापार कम होने का मुख्य कारण उत्तरी क्षेत्रीय राज्यों में भारतीय कपास निगम लिमिटेड (सीसीआई) द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बड़ी मात्रा में कपास खरीदना है। दूसरी तरफ रुई तेजड़ियों का मानना है कि आगामी दिनों में बहुत जल्दी रुई बाजार में 300-350 रुपये प्रति मन उछाल आ सकता हैं। रुई बाजार के मंदड़ियों का कहना है कि रुई बाजार में जो तेजी आने थी, वह आ चुकी हैं क्योंकि अब विदेशों से यार्न, कपड़ा व रुई की की मांग कोऱना वायरस के डर से मांग कमजोर पड़ रही हैं जिससे भारतीय टैक्सटाइल्स उद्योग व कताई मिलों पर इसका असर पड़ेगा।
कपड़ा मंत्रालय के उपक्रम भारतीय कपास निगम लिमिटेड (सीसीआई) ने चालू कपास सीज़न 2020-21 के दौरान 12 नवम्बर तक पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात व महाराष्ट्र से 14,22,583 गांठ कपास न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की है। सूत्रों के अनुसार सीसीआई ने दिवाली के मद्देनजर 3 दिन कपास की खरीद बंद रखी और अब सोमवार से फिर कपास की खरीद शुरू कर दी जाएगी। इस साल कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5400 से 5700 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। निजी कारोबारी 5000 से 5300 रुपये प्रति क्विंटल कपास खरीद कर रहे हैं।
पंजाब व हरियाणा की अधिकतर मंडियों में रुई खरीदने की सीसीआई बहुत अच्छी पकड़ है और इसके साथ ही पड़ोसी राज्य राजस्थान में भी कई मंडियों से सीसीआई कपास खरीद कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार सीसीआई चालू कपास सीज़न साल इस बार कपास खरीद में अपना नया रिकॉर्ड बनाने जा रही हैं। सीसीआई ने इस साल किसानों से 125 लाख गांठों का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास खरीदने का लक्ष्य रखा है जबकि पिछले साल 105 लाख गांठों की कपास खरीदी थी।
भारत का कपास निर्यात 20 फीसदी बढ़ने की संभावना
भारत कपास का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक देश है जबकि चीन, बांग्लादेश व वियतनाम आदि जैसे एशियाई खरीदारों के लिए एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। भारतीय कपास निगम लिमिटेड सीसीआई के सूत्रों के अनुसार भारत से चालू कपास सीज़न साल 2020-21 में भारत का कपास निर्यात विभिन्न देशों को 20 फीसदी से बढ़कर 60 लाख गांठों का हो सकता हैं। एक अन्य संगठन का कहना है कि इस बार कपास निर्यात 65-70 लाख गांठों का हो सकता हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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